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Latest Gold Price Update: सोने की कीमतों मे लगातार उछाल, क्या अभी खरीदना होगा सही?

Continuous rise in gold prices, should one buy now?

Latest Gold Price Update: सोने की कीमतों मे लगातार उछाल, क्या अभी खरीदना होगा सही? पिछले तीन महीनों में सोने की कीमत में 19% की वृद्धि हुई है। तुर्की, चीन, रूस और भारत जैसे कई देशों के बैंक जमकर सोने खरीद रहे हैं। आरबीआई ने चार महीने में 24 टन सोना खरीदा है। साथ ही चीन में रिटेल इन्वेस्टर्स भी सोने का रुख कर रहे हैं।

सोने की कीमत आसमान छू रही है। जानकारों का कहना है कि गोल्ड में यह तेजी लंबे वक्त तक बरकरार रह सकती है। पश्चिम एशिया में जारी संकट के बीच कई उभरते देशों के सेंट्रल बैंक जमकर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका में ब्याज दरों में हाल-फिलहाल बदलाव की उम्मीद नहीं दिख रही है। इससे सोने की कीमत में तेजी आ रही है। ऐसे में सोने में निवेश से लंबे समय तक दूर रहने से नुकसान हो सकता है। टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर (कमोडिटी) तपन पटेल के मुताबिक सोने के पॉजिटिव आउटलुक को देखते हुए निवेशक अगले तीन महीनों में सोने में अपना निवेश 8-10% से बढ़ाकर 10-15% कर सकते हैं।

पिछले 5 वर्षों की अवधि में सोने की कीमतें निफ्टी 50 से आगे निकल गई हैं और हाल के दिनों में इनमें नाटकीय वृद्धि हुई है। निफ्टी के 15.24% रिटर्न के मुकाबले गोल्ड ने 17.39% रिटर्न दिया है। हालांकि, 10 साल की अवधि में इसने 9.02% रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 50 का रिटर्न 13.3% रहा है। पिछले तीन महीनों में सोने की कीमत में 19% की वृद्धि हुई है, और एक साल के दौरान इसमें 22.8% की वृद्धि हुई है। वेल्थ मैनेजर्स का दावा है कि सोने की कीमतों में वृद्धि कई कारकों के कारण है। उनकी सलाह है कि निवेशक अगले तीन महीनों में किसी भी गिरावट पर सोने की खरीद कर सकते हैं। मार्च और फरवरी में 0.4% की वृद्धि के बाद पिछले महीने अप्रैल में अमेरिकी CPI में 0.3% की वृद्धि हुई। यह दिखाता है कि दूसरी तिमाही के प्रारंभ में महंगाई में गिरावट का रुझान पुनः शुरू हो गया है।

कब करें खरीदारी

क्वांटम म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर गजल जैन के अनुसार, फेड द्वारा हाल ही में घोषित बैलेंस शीट में कटौती, भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि, तथा अमेरिकी चुनावों से पहले अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए मौद्रिक या राजकोषीय उपाय, ये सभी मुद्रास्फीति परिदृश्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इससे सोना प्रासंगिक बना रहेगा। पटेल ने कहा कि चीन, तुर्की और रूस के नेतृत्व में केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही खरीदारी से भी सोने की कीमतें मजबूत बनी रहेंगी। यूक्रेन युद्ध के कारण कई देशों के लिए अमेरिकी डॉलर में निवेश को लेकर आशंका बढ़ गई है। यही कारण हैं कि दुनिया के कई देशों के सेंट्रल बैंक अपने रिजर्व में विविधता लाने और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय रूप से सोना जमा कर रहे हैं।

चीन में सेंट्रल बैंक के साथ-साथ आम लोग भी सोना खरीद रहे हैं। इससे गोल्ड की डिमांड बढ़ी है। 2020 तक चीन के निवेशकों के लिए रियल एस्टेट निवेश का पसंदीदा साधन था लेकिन अब मामला बदल गया है। देश का रियल एस्टेट सेक्टर गहरे संकट में है। साथ ही शेयर बाजार का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा है। यही वजह है कि चीन के रिटेल इन्वेस्टर्स भी अब सोने का रुख कर रहे हैं। मनी हनी फाइनेंशियल सर्विसेज के एमडी अनूप भैया ने कहा कि खुदरा निवेशक एक बार में खरीदने के बजाय गिरावट पर खरीदने की रणनीति अपना सकते हैं। वे 3-4 चरणों में अपना दांव लगा सकते हैं।

Prachi Chaudhary

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