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Covid-19: चीन में कोरोना से सब तरफ तबाही का मंजर, शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ी

चीन ने एक बार फिर कोरोना का सिक्का उछाल दिया है। उसने अपने नए गेम प्लान के तहत एक बार फिर दुनिया भर में डर का माहौल बना दिया है।

चीन ने एक बार फिर कोरोना का सिक्का उछाल दिया है। उसने अपने नए गेम प्लान के तहत एक बार फिर दुनिया भर में डर का माहौल बना दिया है। ये अलग बात है कि इसके चक्कर में वो खुद भी तबाही के कगार पर पहुंच चुका है। याद कीजिए 2019 का वो दौर जब COVID-19 का आगाज हुआ था उस वक्त पूरी दुनिया मौत के उस दस्तक से पूरी तरह अंजान थी। अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, और रूस जैसे विकसित देशों को भी इसका अंदाजा नहीं था कि वो एक बड़ी महामारी के मुहाने पर खड़े हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह थी चीन की लापरवाही और साजिश। चीन की लापरवाही ये थी कि उसने समय रहते COVID-19 की गंभीरता का आकलन नहीं किया और साजिश ये कि जब उसे पता चल गया कि कोरोना कितनी तेजी से अपना दायरा बढ़ा रहा है, इसके बावजूद उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को अंधेरे में रखा। इस बार भी चीन ऐसा ही कुछ कर रहा है।

चीन में चीटियों की तरह मर रहे हैं लोग

मीडिया की रिपोर्ट्स जो बता रही है उसके मुताबिक चीन में रोज कोरोना के 10 लाख मामले सामने आ रहे हैं लेकिन चीन के सरकारी आंकड़े कुछ और ही बता रहे हैं। चीन के स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि आजकल वहां पर रोज करीब 4 हजार मामले सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी बता रहा है चीन की सरकार उससे आंकड़े छुपा रही है। चीन के स्थानीय मीडिया से जो खबरें और तस्वीरें आ रही है वो दिल को दहलाने के लिए काफी है। चीन में हालात ऐसे हो गए हैं कि वहां के स्कूलों में पढ़ाई के दौरान क्लास में ही छात्रों को ड्रिप लगाना पड़ रहा है, दवाइयों की कीमत 100 गुना तक बढ़ गई है, दवाइयों के लिए लोगों को दवा फैक्ट्री तक पहुंचना पड़ रहा है, अस्पतालों में मरीज को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची है, मरीज अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ रहे हैं, श्मशानों में 20 दिनों की वेटिंग चल रही है। इस सब का गुस्सा वहां के सोशल मीडिया पर भी दिख रहा है, लोग जिनपिंग सरकार को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं, इसी तरह के एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया है कि चीन की जनता चीटिंयों की तरह मर रही है लेकिन सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है। इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी चीन की सरकार हालात को सामान्य बता रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिका बार-बार चीन से कोरोना संक्रमण के आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग कर रहा है लेकिन चीनी सरकार जानबूझ कर आनाकानी कर रही है।

सरकारी संस्थाओं ने ही किया झूठ का पर्दाफाश

जिनपिंग सरकार के झूठ की कलई खुद उनके सरकारी संस्थान ही खोल रहे हैं, एक तरफ तो चीन का सरकारी दावा है कि वहां पर रोज करीब 4 हजार मामले ही सामने आ रहे हैं लेकिन चीन के ही नेशनल सेंटर फॉर इन्फेक्शस डिज़ीज़ के डायरेक्टर ने अगले एक सप्ताह में देश में संक्रमण का स्तर चरम पर यानी पीक पर पहुंचने का दावा किया है, साथ ही उन्होने ये भी कहा कि पीक पर पहुंचने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या कितनी होगी उसका अभी अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है। संक्रमण के लिहाज से चीन के तीन इलाके सिचुआन, हेनान, हुबई सबसे आगे नजर आ रहे हैं, वहां की स्थानीय संस्थाओं ने जो दावा किया है उसके मुताबिक केवल इन्ही तीनों इलाकों में 2 करोड़ से ज्यादा कोविड मरीज मौजूद हैं। जबकि 6 ऐसे शहर हैं जहां पर कोविड मरीजों का आंकड़ा 1 से 2 करोड़ के बीच पहुंच गया है, इन शहरों में चीन की राजधानी बीजिंग भी शामिल है। भले ही सरकारी आंकड़ों में इन संख्याओं को छुपाया जा रहा हो लेकिन ये भी दावा किया जा रहा है कि इन इलाकों में संक्रमण दर 20 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

कोविड के नए रूप से दूनिया भर में हाहाकार

ऐसा नहीं है कि ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट BF .7 केवल चीन में ही तबाही मचा रहा है, बल्कि इसका असर अब पूरी दुनिया में दिखने लगा है। अमेरिका (US) में अब तक कोरोना संक्रमण के करीब 10 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से 70 प्रतिशत मामले ओमिक्रॉन के नये वेरिएंट BF .7 के ही हैं। जापान में ये नया वेरिएंट इस बार बच्चों पर कहर बन कर टूट रहा है, अब तक इससे 41 बच्चे जान गंवा चुके हैं। कोरोना Worldometer से मिले आंकड़ों के मुताबिक साउथ कोरिया और फ्रांस में भी कोविड के करीब 1.25 लाख मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 75 हजार मामले साउथ कोरिया में दर्ज किए गए हैं जबकि फ्रांस में करीब 50 हजारा मामले सामने आने से हाहाकार मचा हुआ है। ब्राजील और जर्मनी में पिछले 24 घंटे में कोविड से संक्रमित करीब 350 मरीजों की मौत हो चुकी है। ओमिक्रॉन के इस नये वेरिएंट BF .7 से भारत भी अछूता नहीं है। यहां पर पिछले 7 दिनों में रोज 150 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। IMA ने भी सरकार को कोविड से निपटने के लिए तमाम एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।

चीन का क्या है गेम प्लान

चीन की शी जिनपिंग सरकार 2020 में कोविड से निपटने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी लेकिर आई, जिसके तहत काफी सख्ती बरती गई, मनमाने तरीके से लॉकडाउन लगाए गए। इस दौरान भी चीन पूरी दुनिया से असली आंकड़े छुपाता रहा। चीन पर कोविड वायरस को लैब में तैयार करने के भी आरोप लगते रहे लेकिन वो लगातार इससे इंकार करता रहा। जिस लैब से इस जैविक हथियार के लीक होने का अंदेशा जताया गया, वहां से रातोरात तमाम सबूत मिटा दिए गए । चीन की इन हरकतों के कारण हालात ऐसे बन गए कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने के लिए अंधेरे में ही तीर चलाते रहे, जैसे जैसे दिन बीतते गए दुनिया भर में लाशों के ढ़ेर लगते गए। इसी दौरान चीन ने दावा किया कि उसने कोरोना को रोकने के लिए वैक्सीन तैयार कर ली है। चीन को उम्मीद थी कि दुनिया भर में उसे वैक्सीन का एक बड़ा बाजार मिलेगा मगर ऐसा नहीं हुआ। दुनिया भर के कई देशों ने वैक्सीन बनाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिला लिया और सभी के संयुक्त प्रयास से रिकॉर्ड समय में प्रभावी वैक्सीन तैयार कर लिया गया। इस बार भी चीन कोविड से जुड़े तमाम आंकड़े पूरी दुनिया से छुपा रहा है ताकि वो अपनी नाकामी को छुपा सके। एक और अंदेशा ये जताया जा रहा है कि जिस तरह लगातार शी जिनपिंग सरकार के प्रति लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है उसी का ध्यान भटकाने के लिए शी जिनपिंग कभी कोविड की आड़ ले रहे हैं तो कभी तवांग में भारतीय सेना के खिलाफ़ मोर्चा खोल रहे हैं।

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