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Viral News: शिक्षा की नई मिसाल है थान सिंह कांस्टेबल फ्री में देते हैं गरीब बच्चों को शिक्षा

Viral News दिल्ली: एक सकारात्मक सोच, समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है.शिक्षा की नींव पर क्या कुछ नहीं बदल सकता.सोच बदल सकती है. प्रथाएं बदल सकती है. विचारधारा बदल सकती है.तो हम और आप क्यों नहीं.इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस के एक होनहार कांस्टेबल थान सिंह ने शिक्षा को बाल मजदूरी के खिलाफ हथियार बनाकर बच्चों को शिक्षा की ओर अग्रसर किया है.

जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से हो.शिक्षा से भी घर रौशन होते हैं. आपने बाल मजदूरी करते बच्चों को फैक्ट्रियों में, ईंट भट्ठों पर और सड़कों पर बच्चों को अपने नन्हें हाथों से कचरा बीनते हुए तो जरूर देखा होगा देखा तो सबने है. लेकिन सोचा किसी ने नहीं और जिसने सोचा उसके बारे में किसी ने नहीं सोचा और जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा उसी ने सबको ये सोचने पर मजबूर कर दिया की सोच बदलों देश अपने आप बदल जाएगा. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है दिल्ली पुलिस के होनहार कांस्टेबल थान सिंह ने जिन्होंने शिक्षा को हथियार बनाकर बच्चों का भविष्य सुधारने की जिद पकड़ रखी है.

थान सिंह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर लालकिले चौकी में सेवारत हैं.पुलिस की सख्त ड्यूटी के अलावा वो गरीब बच्चों को शिक्षित करने का काम भी कर रहे हैं.वो खुद एक गरीब परिवार से थे.उनके माता-पिता भी झुग्गीं में रहते थे.और लोगों के कपड़ों को इस्त्री कर परिवार का गुजारा होता था. लेकिन उनका लक्ष्य पढ़ लिख कर एक सम्मान की नौकरी हासिल करना था कड़ी मेहनत करने के बाद दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बनने के बाद उनका सपना तो सच हो गया. लेकिन उन्हें लगा कि जिस परिवेश से वो आए हैं उस परिवेश में ना जाने कितने बच्चे हैं जो अपना सपना तक पूरा नहीं कर पाते क्यों कि उन्हें वो अवसर नहीं मिलता कि पढाई कैसे करें, इसी को ध्यान में रखते हुए थान सिंह लग गए बाकि बच्चों का सपना पूरा करने में.

एक तरफ जहां उन्होंने गरीब बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए पाठशाला शुरू की.तो अलग अलग इलाकों से मजदूरों के बच्चे भी अपने सपनों को उड़ान देने के लिए पाठशाला में आने लगे.इन बच्चों में कोई पायलट बनना चाहता है.तो कोई आर्मी का जवान बनकर देश की सेवा करना चाहता है.वहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए थान सिंह ने वॉलेंटियर्स भी रखे हैं. जो सभी बच्चों को पढ़ा सकें.थान सिंह जरूरतमंद बच्चों को कलम,कॉपी और किताबें भी देते हैं.वो उनकी कई जरूरतों को भी पूरा करने की कोशिश करते हैं.बच्चो के आने-जाने के लिए थान सिंह ने ई-रिक्शा का भी प्रबंध किया हुआ है.यहां तक की बच्चों की हर छोटी बड़ी चीजों का खयाल रखा जाता है.जिससे बच्चे जब इनकी पाठशाला से निकलें तो अच्छे स्कूल में उन्हें दाखिला मिल सके.थान सिंह सिर्फ अपनी कांस्टेबल की नौकरी में जितना भी कुछ बच्चों के लिए कर पाते हैं वो वाकई काबिले तारीफ हैं.और ऊपर से पुलिस की सख्त ड्यूटी.इसके बाद भी थान सिंह के हौसले डिगते नहीं.उनकी ये कोशिश दिखाती है कि अगर हर कोई थान सिंह की तरह सोचने लगे.तो इन गरीब बच्चों का भविष्य और देश का उज्वल भविष्य बनाने से कोई नहीं रोक सकता.

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