नई दिल्ली: क्रिकेट (Cricket Ke Kisse) प्रेमी खिलाड़ियों की हर ख़बर रखते हैं पर कुछ लम्हें इनकी नज़रों से भी बच जाते हैं। लेकिन अब क्रिकेट की वो अनसुनी कहानियां हम आपको बताते हैं। एक ऐसा ही दिलचस्प किस्सा है शाहिद अफरीदी और सचिन तेंदुलकर से जुड़ा हुआ।
क्रिकेटर जिसने सचिन तेंदुलकर के बल्ले से छुड़ाए छक्के
ये बात है 1996 की जब भारत और श्रीलंका (Cricket Ke Kisse) के बीच मैच खेला गया था। उस वक्त जब पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरें थें। दरअसल बात ये थी कि उनके पास बल्लेबाजी करने के लिए सही बैट नहीं था और उस वक्त कोई दूसरा चारा ना देखकर वकार यूनुस ने खेलने के लिए सचिन तेंदुलकर का बल्ला दे दिया।
फिर उस बल्ले से आफ्रीदी ने 11 छक्के और 6 बाउंड्रीज़ जड़ते हुए श्रीलंका के खिलाफ महज़ 37 गेंदों पर शतक पूरा कर दिया। जिसके बाद इसी मैच में अफरीदी के नाम सबसे तेज़ सेंचुरी बनाने का रिकार्ड दर्ज हुआ था। हालांकि कुछ वक्त बाद कोरी एंडरसन ने 36 गेंदों पर 100 रन बनाकर ये रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
अब बात करते हैं विनोद कांबली की
विनोद कांबली का क्रिकेट करियर भले ही कम समय के लिए रहा लेकिन इस बात में कोई दोराए नही है कि वो एक मंझे और शानदार बल्लेबाज थें। विनोद कांबली सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त हैं और एक समय ऐसा था जब क्रिकेट जगत में उनके नाम के चर्चे थें।
आपको बता दें विनोद कांबली ने केवल 17 मैच खेले हैं जो कि सचिन तेंदुलकर से बहुत कम हैं। हालांकि टेस्ट मैच के एवरेज की बात की जाए तो कांबली इस मामले में सचिन से एक कदम आगे हैं। बता दें कांबली की 17 मैचों में टेस्ट एवरेज 54.20 है जबकि सचिन की 200 टेस्ट मैचों की एवरेज 53.78 है।
खिलाड़ी जिसने 2 देशों के लिए खेला
पटौदी खान का क्रिकेट से पुराना रिश्ता है क्योंकि सैफ के पिता क्रिकेट के दिग्गज थे सभी जानते हैं लेकिन उनके दादा जी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। सैफ अली खान के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदीदी एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैच 2 देशों से खेला है।
आपको बता दें उन्होंने भारत और इंग्लैंड दोनों की टीम से टेस्ट मैच खेला था। इफ्तिखार अली खान ने अपना पहला मैच इंग्लैंड की तरफ से खेला था जो कि 2 दिसंबर 1932 को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। वो 1932 से 1934 तक इंग्लैंड के लिए खेल चुके हैं। तो खेल एक ऐसी धुरी है जो हर सीमाओं से परे है और ये सब खेल के मैदान में देखने को भी मिलता है।