Crisis on dialysis system in Srinagar Base Hospital : श्रीनगर (उत्तराखंड): राजकीय बेस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की अव्यवस्थाओं ने एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लंबे समय के बाद शुरू हुई डायलिसिस यूनिट में डायलिसिस के दौरान एक मरीज की तबीयत बिगड़ने से हड़कंप मच गया। मरीज को तुरंत आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। इस घटना से गुस्साए मरीजों और तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और यूनिट के बाहर धरने पर बैठ गए।
डायलिसिस यूनिट की बदइंतजामी
श्रीनगर बेस अस्पताल में पिछले ढाई महीने से डायलिसिस यूनिट बंद थी। अस्पताल प्रशासन ने 29 अगस्त को सूचना जारी की थी कि यूनिट में लगी मशीनों का रूटीन मेंटेनेंस किया जाएगा, और तीन दिनों के लिए डायलिसिस सेवाएं बंद रहेंगी। लेकिन, तकनीकी दिक्कतों और आरओ प्लांट की खराबी को ठीक करने में अस्पताल प्रशासन को ढाई महीने का समय लग गया। इस दौरान, मरीजों को अन्य स्थानों पर डायलिसिस कराने के लिए मजबूर होना पड़ा।
डायलिसिस सेवा बहाल करने के लिए शुक्रवार को यूनिट फिर शुरू की गई। लेकिन पहले ही दिन, कीर्तिनगर विकासखंड निवासी 52 वर्षीय बीर सिंह राणा की तबीयत डायलिसिस के दौरान खराब हो गई। चार घंटे की प्रक्रिया में मात्र आधे घंटे बाद ही मरीज को सांस लेने में दिक्कत और अन्य समस्याएं होने लगीं। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें तुरंत आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा।
तीमारदारों का गुस्सा फूटा
मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद अन्य मरीजों और तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरने पर बैठे शैलेश मलासी ने आरोप लगाया कि यूनिट की मशीनें खराब स्थिति में हैं, और बिना उचित परीक्षण के ही सेवा शुरू कर दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसी अव्यवस्था से मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही है।
इस दौरान गुस्साए लोगों ने कुछ कर्मचारियों को यूनिट के अंदर ही बंद कर दिया। हालांकि, पीछे के रास्ते से अधिकांश कर्मचारी निकलने में कामयाब रहे। प्रदर्शनकारियों ने मेडिसिन इंचार्ज को वार्ता में शामिल करने की मांग की और चेतावनी दी कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा, प्रदर्शन जारी रहेगा।
तकनीकी दिक्कतों ने बढ़ाई समस्या
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यूनिट की मशीनों और आरओ प्लांट की तकनीकी दिक्कतों को दूर करने में समय लग गया। तीन बार आरओ प्लांट की जांच रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई, लेकिन समस्या का समाधान तुरंत नहीं हो सका। स्वास्थ्य मंत्री के यूनिट का दौरा करने की योजना भी इसी कारण रद्द कर दी गई।
प्रशासन ने दी सफाई और आश्वासन
घटना के बाद चिकित्सा अधीक्षक ने मरीजों और तीमारदारों से मुलाकात की और समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यूनिट में आ रही दिक्कतों को प्राथमिकता से दूर किया जाएगा। हालांकि, प्रदर्शनकारी मेडिसिन इंचार्ज को वार्ता में बुलाने पर अड़े रहे।
मरीजों का संकट जारी
डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण सेवा की बदइंतजामी ने न केवल मरीजों की समस्याएं बढ़ाई हैं, बल्कि अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लंबे समय तक डायलिसिस सेवा का बंद रहना और अब सेवा शुरू होने के बावजूद ऐसी घटनाएं प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती हैं।
यह घटना राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। मरीजों और उनके परिवारों ने सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है ।