Cyber Crime News: साइबर क्राइम (cyber crime) के मामले लगातार बढते जा रहे है आए दिन ठग लोगो ने शिकार करने का कोई न कोई नया तरीका निकाल लिया है. ऑनलाइन (Online) मार्केट से हम अपने घर का जरूरत का सामाल खरीदते है ऑनलाइन शॉपिंग (shopping online) करने के लिए बैंक डिटेल , ई- मेल आईडी या डेबिट कार्ड (Debit Card) नम्बर की आवश्यकता पडती है लेकिन अगर आपकी ई- मेल आईडी , डेबिट कार्ड नम्बर या बैंक डिटेल (bank details) बिकने लगे तो क्या हो. वो भी सिर्फ 1 डॉलर यानी 82 रूपए में.
आइए जानते है पूरा मामला.
दरअसल साइबर क्राइम का नया टुल बन रहा है हाल ही में हैदराबाद पुलिस ने ऐसी गैंग का भंडाफोड किया है जिसके पास 62 करोड भारतीय लोंगो का डेटा स्टोर था गैंग उस डेटा को मार्केट मे 1 से 3 हजार मे बैच रहे थे बता दे की कॉलिज स्टुडेंट (college student) से लेकर सरकारी कर्मचारी का डेटा इनके पास स्टोर था डेटा चोरी करने के लिए गैग अलग अलग सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर लोगो को टारगेट कर रही थी.
लेकिन अब आपके दिमांग मे सवाल उठ रहा होगा इनके पास डेटा कहां से और कैसे आया होगा ??आइए आपको समझाते है हम कहीं भी जाते है कुछ भी करते है हमारे फोन मे हमेशा ऐप साथ रहते है जो आपकी लोकेशन और आपकी activity को ट्रेक करते है इसी ट्रेकिंग के दौरान हमारी पर्सनल जानकारी डेटा बेस मे स्टोर हो जाती है ऐसे मे इस ऐप को कोई भी hack कर सकता है और एक झटके मे करोडो लोंगो की जानकारी लिंक हो सकती है फिर उस डेटा को add की मदद से बैच दिया जाता है.
भारत ही नही ये ऑनलाइन मॉर्केट पूरी दुनिया मे फैला हुआ है . हाल ही मे अमेरिका क्राइम एजंसी FBI और 18 देशों की संस्था ने मिलकर एक string operation किया है जिसमे ऐसे ही एक मार्केट का खुलासा हुआ है जहां चोरी हुए डेटा को खरीदा और बैचा जा रहा था. जिसमे फेसबुक, बैंक डिटेल से लेकर Fingerprint तक की जानकारी शामिल है. अगर आप भी ऐसी गैंग का शिकार हो गये हो तो तुरंत police complain करें police complain न करना इसको बढावा देता है. इसलिए सर्तक रहे और सावधान रहे.