Candidates Chess Winner D Gukesh: डी गुकेश ने कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जितकर तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड
Candidates Chess Winner D Gukesh: कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट में इस बार भारत के डी गुकेश ने हिस्सा लिया और अब तक सबसे कम उम्र में कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट का किताब जितने वाले जीतने वाले डी गुकेश सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए है। डी गुकेश ने ये किताब जितकर रूस के गैरी कास्परोव का 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, और भारत के लिए एक नया और स्वर्णिम इतीहास भी रचा है।
भारत के डी गुकेश ने 17 साल की उम्र में कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट का किताब जीतकर नया इतिहास बना दिया। अपनी इस जीत के बाद डी गुकेश सबसे कम उम्र में ये कुताब जितने वाले और कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट में वर्ल्ड चैंपियन को चुनौती देने वाले सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में सामने आए है। वही भारतीय स्टार और चैस मास्ट्र डी गुकेश ने अपनी जीत के साथ रूस के गैरी कास्परोव का 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब गुकेश को मौजूदा वर्ल्ड कप चैंपियन डिंग लिरिन के खिलाफ इस साल के आखिर में खेलने का मौका मिलेगा।
किसका 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
गुकेश से पहले ये रिकॉर्ड रूस के गैरी कास्परोव के नाम दर्ज था। जिन्होंने सबसे कम उम्र में कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। गैरी कास्परोव ने साल 1984 में अपने ही देश के नातोली कारपोव को चुनौती देने के लिए क्वालिफाई किया था। जब गैरी कास्परोव ने क्वालिफाई किया तब उनकी उम्र मात्र 22 साल थी। लेकिन अब डी गुकेश ने 40 साल पुराना ये रिकॉर्ड तौड कर 17 साल की उम्र में यह कारनामा कर दिखाने का ये नया रिकॉर्ड गडा है।
आखिरी राउंड में जिता कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट
आपकों बता दें कि आखिरी राउंड में अमेरिका के हिकारू नाकामुरा के साथ ड्रॉ खेलकर डी गुकेश ने यह टूर्नामेंट अपने नाम किया था। गुकेश ने टूर्नामेंट के दौरान 14 में से 9 प्वाइंट्स अपने नाम किए। कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट का आयोजन मौजुदा विश्व चैंपियन को चुनौती देने वाले खिलाड़ियों का चयन करने के लिए आयोजित किया जाता है। जो भी इस टूर्नामेंट को जितता है, वहीं मौजुदा विश्व चैंपियन को चुनौती दे सकता है। और विश्व चैंपियन का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर सकता है।
डी गुकेश ने अपनी जित पर क्या कहा?
टूर्नामेंट जीतने के बाद अपनी खुसी जाहीर करते हुए डी गुकेश ने कहा कि, ” मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं उस रोमांचक खेल (फैबियो कारुआना और इयान नेपोमनियाचची के बीच) को देख रहा था और फिर मैं अपने सहयोगी के साथ टहलने गया, लगता है इससे मुझे मदद मिली।” गुकेश आखिरी राउंड से पहले प्वाइंट्स टेबल में पहले स्थान पर बने हुए थे। उनका आखिरी राउंड ड्रॉ के साथ खत्म हुआ, जिस वजह से डी गुकेश को इयान नेपोमनियाचची और फैबियो कारुआना के बीच खेले गए मैच के परिणाम का इंतज़ार करना पड़ा। 109 मूव्स के बाद फैबियो कारुआना और इयान नेपोमनियाचची के बीच खेला गया मैच भी ड्रॉ के साथ खत्म हुआ। जिसके चलते डी गुकेश का पहले स्थान उनके पास ही रहा और उन्होंने टूर्नामेंट का विजेता घोषीत कर दिया गया।
अब तक इस टूर्नामेंट को जितने वाले डी गुकेश दूसरे भारतीय
ऐसा बताया जा रहा है की डी गुकेश इस टूर्नामेंट को जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए है। डी गुकेश से पहले चेस में भारत की शान कहे जाने वाले स्टार खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने ने इस टूर्नामेंट का किताब अपने नाम किया था। गुकेश की जीत पर विश्वनाथन आनंद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने के लिए बधाई। आपने जो हासिल किया उस पर गर्व है। मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत गर्व है. इस मोमेंट को एंजॉय करें।”