नई दिल्ली: पिछले दिनों बिहार प्रांत के फुलवारी शरीफ से पीएफआई के दो संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी और उनसे मिले दस्तावेजों के बाद एनआईए को जांच में जिस तरह से पीएफआई के खतरनाक मंसूबे का खुलासा हो रहा है, वह वाकई ही बहुत डरावना है। तिलंगाना राज्य की निजाबाबाद पुलिस ने भी 7 जुलाई को पीएफआई (पीपुल फ्रंट ऑफ इंडिया) के तीन सदस्यों अब्दुल कादिर, मोहम्मद इमरान और अब्दुल मोबिन को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के बाद तिलंगाना पुलिस ने आठ पेज की जो रिमांड रिपोर्ट तैयार की है, उसमें पीएफआई के बारे में बेहद चौंकाने वाली जानकारियों का उल्लेख है।
तेलंगाना पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएफआई पूरी तरह के देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने कोशिश में लगा रहता है। पीएफआई ही नहीं इसके सहयोगी मुस्लिमों के अलग-अलग 15 संगठन भी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुस्लिम युवकों को ह्युमन मिसाइल बनाने के लिए उनका ब्रेन वॉश करके उन्हें एक ही बार में चाकु से सर को तन से जुदा करने के लिए हथियार चलाने, जेहाद के लिए मुसलमानों को शारारिक रुप से फिट रखने, हिन्दुओं के प्रति नफरत पैदा करने, देश में साम्प्रदायिक दंगा पैदा करने, पत्थरबाज पैदा करने के लिए ही वे ट्रेनिंग कैंप चलाते हैं।
ये भी पढ़ें- मुस्लिम बुजुर्ग का दुस्साहस, गोरखपुर के सीडीओ के सरकारी आवास के सामने पढ़ी नमाज, मूक बने रहे पुलिसकर्मी
इसके लिए पीएफआई के सहयोगी एक दर्जन से अधिक मुस्लिम संगठन भारत में इस्लाम का वर्चस्व बनाने के नाम पर चुपके-चुपके मुसलमानों से मोटा चंदा उगाया जाता है और इस धनराशि का प्रयोग भारत को अस्थिर बनाने के लिए किया जाता है। इस मामले में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच किये जाने से पीएफआई के खतरनाक मंसूबे का पता हो गया है, लेकिन अभी भी तमाम संगठन एनआईए की रडार से बाहर हैं, जिनका पता लगाकर उन पर भी तत्काल शिंकजा कसा जाना बहुत जरुरी है।