बरेली(अजय): थाना बारादरी क्षेत्र के संजय नगर के सेंट फ्रांसिस स्कूल ने सिख समुदाय के बच्चों (छात्रों) के लिए तुगलकी फरमान जारी करके कहा कि अब कोई भी सिख बच्चा स्कूल में पगड़ी,कृपाण या हाथ में कड़ा पहन कर नहीं आएगा। सिख छात्र-छात्राओं ने घर जाकर जब अपने स्कूल के इस फरमान को अपने माता-पिता व अभिभावकों को बताया तो उनमें भारी रोष व्याप्त हो गया। अगले दिन स्कूल खुलने पर भारी संख्या में सिख समुदाय के लोग स्कूल में पहुंचे और उन्होने वहां जमकर हंगामा काटा। हंगामे के खबर रर स्कूल के बिशप सामने आये और उन्होने स्कूल के इस तरह का फरमान जारी करने पर सिख समाज के लोगों से माफी मांगीं और सिख बच्चों को अपने धर्म के अनुसार धार्मिक परिधान पहनने की छूट देने का आश्वासन के बाद ही मामला शान्त हुआ।
सिख समाज कमेटी के अध्यक्ष सतवंत सिंह ने बताया कि ईसाई मिशनरी की ओर से संचालित सेंट फ्रांसिस स्कूल ने सिख छात्र-छात्राओं से कह दिया कि पगड़ी, कृपाण या कड़ा धारण कर नहीं आएं। स्कूल वालों ने बच्चों को चेतावनी दी कि यदि उन्होने इस नियम नहीं माना तो उनका इस स्कूल में आगे पढ़ाई करना पाना संभव नहीं होगा। यदि उन्हें कृपाण आदि धारण करना है, तो वे इस स्कूल से अपना नाम कटाकर किसी दूसरे स्कूल चले जाएं। सिख अभिभावकों को जब यह बात पता चली तो उनमें आक्रोश पनपने लगा।
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इसके बाद भारी संख्या में सिख समाज के लोग सेंट फ्रांसिस स्कूल में पहुंचे और उन्होने स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्कूल में सिख समाज के लोगों द्वारा किये जा रहे इस हंगामे को देख कर स्कूल प्रशासन बैकफुट पर आ गया। हंगाने की सूचना पर स्कूल पहुंचे बिशप ईंगनिसिस डिसूजा ने सिख समाज के सभी लोगों से माफी मांगते हुए किसी भी रोक से इंकार कर दिया। तब कहीं जाकर सिख समाज का गुस्सा शांत हुआ।
सिख समाज के अमरजीत सिंह, विशाल मल्होत्रा आदि ने कहा कि दूसरे समुदाय द्वारा संचालित स्कूल प्रशासन सिख समुदाय के लोग संस्कृति और धर्म बचाने के लिए बलिदान होकर इतिहास रचने वाले सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने का प्रयास कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।