दिल्लीन्यूज़बड़ी खबरहिमाचल प्रदेश

Delhi Water Crisis: दिल्ली जलसंकट पर सुप्रीम कोर्ट का बयान, हिमाचल प्रदेश नहीं देगा पानी

Delhi Water Crisis: Supreme Court's statement on Delhi water crisis, Himachal Pradesh will not provide water

Delhi Water Crisis: भारत की राजधानी दिल्ली में लगातार जल संकट बढ़ता जा रहा है। कई इलाकों में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है लेकिन इस संकट का किसी भी प्रकार का समाधान निकलता नहीं नजर आ रहा है। जिसे लेकर अब हर कोई परेशान है।

दिल्ली सरकार की माने तो उनका कहना हैं कि दिल्ली में इस समय रोजाना 50 मिलियन गैलन पानी की शॉर्टेज है। 2 पानी के  टंकी पर पूरी कॉलोनी को निर्भर होना पड़ रहा है। जिसे वहां के लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लोग जा पहुंचे हैं जहां जल संकट पर घंटे सुनवाई की गई लेकिन किसी भी प्रकार का हाल नजर आता नहीं दिख रहा है।

समस्या का समाधान निकालने के बजाय दिल्ली की सियासत भी गरमा गई हैं। दिल्ली सरकार की माने तो उनका कहना है कि जल संकट के लिए टैंकर माफिया पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली वासीयों आम आदमी सरकार को जल्द से जल्द हटाए तो जल संकट खत्म हो जाएगा। जल संकट में अब एक नया मोड़ आ गया है बता दे कि हिमाचल प्रदेश की सरकार अपनी बयान से पलट गई है और पानी की सप्लाई करने से साफ इनकार कर दिया है। जिसे अब दिल्ली सरकार को बड़ा झटका लगा है।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हैं जिनका कहना है कि हमारे पास दिल्ली को देने के लिए इतना पानी नहीं हैं इससे पहले हिमाचल प्रदेश ने कहा था कि वह दिल्ली को 137 क्यूसेक पानी सप्लाई करेगा लेकिन अब वह अपने बात से पलट गया है।

बता दे कि दिल्ली 90% पानी के लिए दूसरे राज्य पर आधारित है जैसे कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान सामने आया हैं बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इस संकट का कोई समाधान निकलता नहीं देख रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार को यह मामला अपर यमुना रिवर बॉर्ड में ले जाना चाहिए जहां मानवी अधिकार पर अतिरिक्त पानी की मांग करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य के बीच यमुना जल की बंटवारे से जुड़ा मामला काफी मुश्किल भरा है। इसका समाधान करना अभी मुश्किल है। साथ ही कहा कि के UYRB पहले ही मानवी अधिकार पर पानी की पूर्ति के लिए आवेदन दाखिल करे। साथ ही कोर्ट ने पानी के मुद्दे पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की बात कही है।

Khushi Singh

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button