Disclosure of CVC Report: नेता लोग भाषण देते हैं कि इस देश को भ्रष्टाचार मुक्त कर देंगे। आजादी के बाद जितनी भी सरकार आयी सबके यही बयान आये कि अब भ्रष्टाचार नहीं होगा। जो करेगा उसे छोड़ा नहीं जायेगा। ताज्जुब की बात है कि यही बात विपक्षी पार्टियां भी कहती है। मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी भी यही कहते रहते हैं। हर भाषण में भ्रष्टाचार की बात होती है लेकिन सच यही है इस देश में भ्रष्टाचार एक फैशन हो गया है। जो भ्रष्ट है वही आदमी है जो नहीं है वह कीड़े के सामान है। नैतिकता की कहानी कहने भर की रह गई है। नैतिक आदमी को बेकार और गरीब मान लिया जाता है। समाज भी ऐसे आदमी को देखना नहीं चाहता और बड़ा सच तो यह भी है कि घर के लोग भी ऐसे लोगों को पसंद नहीं करते।
Read: Todays Latest News in Hindi | Breaking News in Hindi | News Watch India
अभी भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय सतर्कता विभाग ने बड़ा आंकड़ा पेश किया है। यह उसकी वार्षिक रिपोर्ट है। इस वार्षिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ आई है। उसके बाद रेलवे और फिर बैंक, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीते केंद्र सरकार के सभी विभागों और संगठनों में सभी कैटेगरी के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कुल 01 लाख 15 हजार 203 शिकायतें मिली है। इनमें से 29 हजार 766 अभी भी लंबित बताई जा रही है।
सीवीसी की रिपोर्ट (CVC report) में कहा गया है कि गृह मंत्रालय को उसके अधिकारियों के खिलाफ 46 हजार 643 शिकायतें मिली है। दूसरे नंबर पर रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किये गए। रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ जो मामले सामने आये हैं वे करीब 10 हजार 580 के करीब हैं। तीसरे नंबर के अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार करने में आगे रहे हैं। बैंक कर्मचारियों के आचरण की वजह से ही बैंकों से बहुत सारे लोग लोन लेकर भाग गए। बहुत से बैंक अधिकारी घूस लेकर अपने लोगों के नाम बड़े-बड़े लोन दिलाते रहे हैं।
सीवीसी की रिपोर्ट (CVC report) में यह भी कहा गया है गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ कुल शिकायतों में 23 हजार 919 का निपटारा है। वहीं 22 हजार 724 शिकायतें अभी भी लंबित हैं। इसके अलावा रेलवे के 9 हजार 663 मामलाें का निपटारा कर दिया गया है जबकि 367 मामले लंबित हैं।
सरकारी विभाग के ऐसे कोई संगठन या विभाग नहीं है जहां भ्रष्टाचार की शिकायतें नहीं हैं। हर विभाग के लोग इस खेल में शामिल हैं। कही ज्यादा है तो कहीं कम। ऐसे में आप कह सकते हैं कि भारत भ्रष्टाचार पर ही टिका देश है। जल्दी अमीर बनने की चाहत ने इंसान की नैतिकता को ख़त्म कर दिया है। सच तो यही है कि गलत तरीके से पैसे कमाना अब हमारी आदत सी हो गई और इस खेल में कोई अछूता नहीं है। ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकतर लोग गलत तरीके से काम करते हैं।