Loksabha election 2024 News Bihar Politic’s: वैसे तो इंडिया गठबंधन के बीच कई राज्यों में रार मचा हुआ है लेकिन बिहार में कुछ ज्यादा ही है। पहले यह माना जा रहा था कि बिहार महागठबंधन में सब कुछ ठीक हो जाएगा और राजद के साथ कांग्रेस को कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन जब सीट बंटवारे की बात सामने आयी तो खेल शुरू हो गया। सबसे ज्यादा घमासान पूर्णिया सीट को लेकर है। पूर्णिया सीट पर राजद ने भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। जदयू से राजद में आयी बीमा भारती को राजद ने पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया है। जबकि पूर्णिया से अब तक कांग्रेस नेता पप्पू यादव चुनाव लड़ते रहे हैं। पूर्णिया ही पप्पू यादव का चुनावी क्षेत्र रहा है। कभी वे पूर्णिया से चुनाव लड़ते थे तो कभी मधेपुरा से। अबकी बार पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
पप्पू यादव पहले बिहार में जनाधिकार पार्टी चला रहे थे, जबकि उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्य सभा सदस्य है। अबकी बार पप्पू यादव कांग्रेस के साथ आ गए और अपनी पार्टी को भी कांग्रेस में विलय कर दिया।
कांग्रेस भी पप्पू यादव को पूर्णिया से मैदान में उतारने को तैयार है, लेकिन राजद ने अपना उम्मीदवार पहले ही बीमा भारती को उतार रखा है। ऐसे में अब राजद और कांग्रेस के बीच संग्राम मचा हुआ है। यह बात और है कि सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच दिल्ली में बैठक चल रही है और उम्मीद की जा रही है कि यह बैठक हो सकती है लेकिन अगर पूर्णिया को लेकर कोई बात नहीं बनी तो पप्पू यादव कहाँ से मैदान में उतरेंगे यह देखना होगा।
राजद अध्यक्ष लालू यादव और तेजस्वी यादव तीन दिनों से दिल्ली में ही बैठे हुए हैं। इसी बीच बीमा भारती ने दावा किया कि राजद ने उन्हें पूर्णिया से उम्मीदवार बना दिया है। उधर पप्पू यादव कह रहे हैं कि वे दुनिया को छोड़ सकते हैं लेकिन पूर्णिया को नहीं छोड़ सकते हैं।
पप्पू यादव ने यह भी कहा है कि वह पूर्णिया के युवा, बुजुर्ग और महीयलों से आशीर्वाद ले चुके हैं। पूर्णिया को नंबर एक बनाने का दावा कर चुके हैं। ऐसे में पूर्णिया छोड़ने का सवाल ही नहीं उठ सकता। वे पूर्णिया के बेटा हैं और वह मरते दम तक यहीं के रहेंगे।
यह भी बता दें कि अभी हाल में ही पप्पू यादव ने लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी और फिर दिल्ली जाकर अपनी जन अधिकार पार्टी को कांग्रेस में विलय भी कर दिया था। इसी के बाद यह माना जा रहा था कि पप्पू यादव पूर्णिया से ही चुनाव लड़ेंगे।
आगे क्या होगा यह अभी तक तय नहीं है, लेकिन पप्पू यादव और बीमा भारती के साथ ही राजद और कांग्रेस के बीच रार तो उत्पन्न हो ही गया है। अब देखना यह है कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता किस तरह से इस समस्या का हल कर पाते हैं। लेकिन इतना तो साफ़ है कि बीमा भारती की तुलना में पप्पू यादव की पकड़ कुछ ज्यादा ही मजबूत है। अगर पप्पू यादव कांग्रेस से उतरते हैं तो चुनावी खेल क़ाफी रोचक हो सकता है।