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क्या आप जानते हैं कि संसद का विशेष सत्र एजेंडा क्या है?

Parliament Session: 18 सितम्बर से संसद (Parliament) का विशेष सत्र बुलाया गया है। यह पांच दिनों का सत्र होगा। हालांकि इस सत्र की शुरुआत किस वजह से सरकार कर रही है इसका खुलासा नहीं हो पाया है और विपक्ष को भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसके साथ ही इस सत्र को लेकर संसदीय समिति को भी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन सत्र की तैयारी तो चल रही है।

special session agenda of Parliament

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सभी के अपने आंकलन हैं। कोई संविधान बदलने की बात कर रहा है तो काेई महिला आरक्षण बिल लाने की बात कर रहा है। कोई सनातन धर्म को लेकर बड़ा निर्णय लेने की बात कर रहा है तो कोई देश का नाम बदलने की बात करता दिख रहा है। सरकार में शामिल लोगों की भी यही कहानी है और विपक्ष के लोगों की भी यही बात है। किसी के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है लेकिन संसद (Parliament) का विशेष सत्र चलेगा। विपक्ष की नेता सोनिया गांधी ने पिछले दिनों सरकार को पत्र लिखकर सत्र के एजेंडे की जानकारी मांगी है लेकिन अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। देश भी असमंजस में है और राजनीति भी असमंजस में है। क्या होगा और क्यों होगा यह कौन जाने !

कई लोग तो यह भी कह रहे हैं कि संसद (Parliament) सत्र की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री को भी नहीं होगी। ठीक उसी तरह जैसे नोटबंदी के समय इसकी जानकारी तत्कालीन वित्त मंत्री को नहीं थी। जब प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा कर दी तब वित्त मंत्री को इसकी जानकारी मिली और वे खुद भी चौंक गए थे। कहा जा रहा है कि संसद सत्र की असली जानकारी सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को ही है। बाकी लोगों को कोई जानकारी नहीं है। सत्र से सिर्फ 24 घंटे पहले संभवतः इसकी जानकारी देश के सामने आ सके। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान के मसले को लेकर भी कोई बात हो सकती है। सभी नेता अंधेरे में तीर छोड़ रहे हैं। लेकिन जिनके पास सत्र की जानकारी है वे मौन है। अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं।

special session agenda of Parliament

विपक्ष के कुछ और नेताओं ने भी इस ख़ास सत्र के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। कांग्रेस का राज होता तो सब कुछ पता चल गया होता। उस सरकार में तो छेद ही छेद होते थे। बड़ी से बड़ी गोपनीय बात भी सामने आ जाती थी। लेकिन इस सरकार की खासियत तो यही है। यही खासियत सरकार को बचाये हुए है। कुछ लोगों ने यह भी अनुमान लगाया कि एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर भी कोई बात हो सकती है। लेकिन इस बारे में भी कुछ पता नहीं चला। क्योंकि एक दिन के भीतर या फिर पांच दिनों के सत्र के दौरान ही इतना बड़ा फैसला नहीं लिया जा सकता।

कई लोग यह भी कह रहे हैं कि चंद्रयान की सफलता के बाद सरकार अपनी उपलब्धि को देश के सामने रख सकती है तो कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा फिर से देने की बात भी हो सकती है। या फिर समान नागरिक संहिता लागू करने की बात भी। या देश को विश्वगुरु के रूप में पेश करेगी मोदी सरकार? सबने अंदाजा ही लगाया है। लेकिन किसी को कुछ भी पता नहीं लगा। अब सरकार ही बताएगी कि इस सत्र का असली सच और जब सच सामने आएगा तो आप मुस्कुराते रहेंगे, भ्रमित रहेंगे और आश्चर्यचकित भी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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