Today Headlines News Rajsthan Hanumangarh: खबर हनुमानगढ़ के नोहर से हैं जहां जलदाय विभाग की आपणी योजना के पांडुसर उपखंड पर कार्यरत कनिष्ठ अभियंता कृष्ण धारीवाल द्वारा पुरानी डीआई पाइप लाइन को कबाड़ियों को बेचे जाने का मामला सामने आया हैं। आपकों बता दें कि उक्त डीआई पाइप लाइन जबरासर गांव से लेकर ललानियां गांव तक पेयजल आपूर्ति के लिए डाली गई थी। बाद में विभाग द्वारा इन गांवों को जेजेएम स्कीम के तहत पेयजल योजना से जोड़ दिया गया।
जेजेएम स्कीम से इन गांवों को जोड़ने के बाद से इस पाइप लाइन से इन गांवों की जलापूर्ति नहीं हो रही थी। बाद में आपणी योजना के पांडुसर उपखंड पर कार्यरत जेईएन कृष्ण धारीवाल ने गुपचुप तरीके से करोड़ों रुपयों की इन पाइप लाइन को आनन-फानन में निकालकर कबाड़ियों को बेचने की योजना बनाई। पाइप लाइन को कबाड़ियों को बेचने के उद्देश्य से बिना निविदा व बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के इन पाइप लाइन को अपने ही निजी व्यक्तियों से लालच देकर निकलवा ली।
पाइप निकलवाने के बाद कनिष्ठ अभियंता ने रात्रिकालीन समय में मौके का फायदा उठाकर उन पाइपों को गाड़ी में भरकर हरियाणा के जमाल भट्टु की ओर रवाना हो गए। बाद में उनके विभाग के कार्मिकों को इस मामले का पता चला तों उन्होंने कनिष्ठ अभियंता के पाइप लदे वाहन का पीछा किया तो पाइप लदी गाड़ी जमाल पैट्रोल पंप पर उन्हें मिल गई। उस गाड़ी के आगे पिछे कनिष्ठ अभियंता अपनी निजी गाड़ी से उस गाड़ी की पैट्रोलिंग कर रहे थे। निजी गाड़ी में उनका ड्राइवर प्रेम धानका कनिष्ठ अभियंता के साथ था। बाद में कनिष्ठ अभियंता के ड्राइवर को शक हुआ कि ये चोरी के पाइप हैं तो उसी समय ड्राइवर ने कनिष्ठ अभियंता कृष्ण धारीवाल का साथ छोड़ दिया।
पाइप पकड़ में आने पर कनिष्ठ अभियंता पाइप लदी गाड़ी को नोहर ले आया। चोरी के पाइप होने पर जलदाय विभाग नोहर ने भी इन पाइपों को अपनी जगह पर डालने से मना कर दिया तो कृष्ण धारीवाल के हाथ-पांव फूल गए। जब हमारी टीम ने विभाग के अधीक्षण अभियंता चुरू रमेश राठी से इन चोरी किए गए डीआई पाइपों के बारे में पुछा तो उन्होंने बताया कि कनिष्ठ अभियंता ने पाइप चोरी किए हैं। पाइपों की संख्या भी कम हैं। आलम यह हैं कि अब चोरी में पकड़े गए ये डीआई पाइप नोहर रामसुखदास पार्क के पास एक नोहरे में पड़े हैं, जिनका कोई धणीधोरी नहीं हैं। कनिष्ठ अभियंता के ड्राइवर ने बताया कि, अभियंता पहले भी कई पाइपों की चोरी कर बेच चुका हैं। अब देखना होगा कि विभाग द्वारा इन कनिष्ठ अभियंता पर क्या कार्रवाई की जाती हैं।