Avoid Curd And Green In Sawan : शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सावन में हर सोमवार को लोग व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा सावन (sawan) में खाने-पीने को लेकर भी कई मान्यताएं हैं। सावन के महीने में लोग ठंडी चीजों का सेवन करने से परहेज करते हैं। ऐसे में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ लोग इन दिनों में सही-गलत का भी खास ख्याल रखते हैं।
सावन में धर्म के साथ-साथ कुछ खास खान-पान के नियमों का पालन करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हुआ। हिंदू रीति-रिवाजों में इस महीने का बहुत महत्व है। लोग अपनी दिनचर्या के कई पहलुओं को इस तरह से समायोजित करते हैं। लोग इस महीने में हर चीज की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं, जिसमें उनका खान-पान की आदतें भी शामिल हैं। आज हम आपसे सावन के कुछ रीति-रिवाजों और खाने-पीने से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी साझा करेंगे।
आपने कई बार बड़े-बुजुर्गों को यह कहते सुना होगा कि सावन में ये करो, ये मत करो। आपको बता दें कि सावन के महीने में दही और साग खाने से परहेज करने की मान्यता है। धार्मिक औचित्य के अलावा इन पदार्थों के सेवन पर रोक के पीछे वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण भी हैं।
अगर इसके धार्मिक महत्व की बात करें तो सावन के पूरे महीने में लोगों को सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इससे हमारा ध्यान आध्यात्मिकता की ओर बढ़ता है और शरीर की शुद्धि भी होती है। भले ही वे स्वस्थ भोजन हैं, लेकिन दही और साग को उनके बनाने के तरीके के कारण सात्विक नहीं माना जाता है। यह भी माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को दूध और दही का भोग लगाना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में ऐसे खाद्य पदार्थ खाना वर्जित है। साथ ही, कई पुजारी इस बात पर जोर देते हैं कि भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले भोग को अपने भोजन में शामिल करना अनुचित है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस महीने आधिकारिक तौर पर बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। ऐसे माहौल में जानवर, बैक्टीरिया और वायरस पनपते हैं। ऐसे में पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाने से भी बचना चाहिए।
यह बात तो सभी जानते हैं कि दही बनाने में सूक्ष्मजीवों का इस्तेमाल होता है। ऐसे में दही खाने से आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसी वजह से डॉक्टर भी इस मौसम में दही और इससे बनी चीजों से परहेज करने की सलाह देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, इन दिनों तामसिक भोजन से सुस्ती आती है तथा आपकी आध्यात्मिक साधना में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
डॉक्टर के मुताबिक ”सावन के महीने में मौसम बहुत उमस भरा होता है, जिससे कान और गले में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।” ऐसी परिस्थितियों में दही खाने से मना करते हैं।