Health Update: प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा: चीनी शोधकर्ताओं का बड़ा दावा
Health Update: एक नए चीनी शोध में खुलासा हुआ है कि प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन करने से हृदय रोग और दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययन में पाया गया कि प्लास्टिक से निकलने वाले रसायन आंतों और हृदय प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सूजन और रक्त संचार संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। गर्म भोजन रखने से माइक्रोप्लास्टिक और विषैले तत्व भोजन में मिल जाते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक हैं। विशेषज्ञों ने कांच या स्टेनलेस स्टील के बर्तनों के उपयोग की सलाह दी है ताकि इन खतरों से बचा जा सके। स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्लास्टिक के उपयोग को कम करना आवश्यक है
Health Update: प्लास्टिक के बर्तनों में नियमित रूप से भोजन करने वाले लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि एक नए शोध में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चीनी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया है कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से हृदय रोग और दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि प्लास्टिक से निकलने वाले रसायन शरीर में पहुंचकर न केवल आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि हृदय प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
शोध में क्या सामने आया?
इस अध्ययन में 3,000 से अधिक लोगों और प्रयोगशाला में चूहों पर परीक्षण किए गए, जिनसे यह निष्कर्ष निकला कि प्लास्टिक के बर्तनों में रखे भोजन से हानिकारक रसायन शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। ये रसायन हृदय की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि प्लास्टिक के बर्तनों से निकलने वाले तत्व आंत के बायोम को भी प्रभावित करते हैं, जिससे शरीर में सूजन और रक्त संचार प्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
2018 में हुए एक अन्य शोध में यह पाया गया था कि प्लास्टिक के बर्तनों से बिस्फेनॉल-ए (BPA) जैसे हानिकारक रसायन निकलते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन और हृदय रोगों को जन्म दे सकते हैं। हाल ही में प्रकाशित इस अध्ययन में इन निष्कर्षों की पुष्टि करते हुए नए पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया है।
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प्लास्टिक के बर्तनों से कैसे बढ़ता है खतरा?
शोधकर्ताओं के अनुसार, जब हम प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म भोजन रखते हैं, तो उसमें से माइक्रोप्लास्टिक और अन्य विषैले रसायन भोजन में मिल जाते हैं। यह भोजन जब शरीर में जाता है, तो आंतों की परत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और सूजन की समस्या उत्पन्न होती है।
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इसके अलावा, प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से रक्त प्रवाह में जहरीले तत्व पहुंच सकते हैं, जिससे निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) और रक्त संचार संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह धीरे-धीरे हृदय प्रणाली को प्रभावित करता है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना को बढ़ा सकता है।
शोध में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट नहीं किया कि प्लास्टिक से कौन-कौन से रसायन निकलते हैं, लेकिन उन्होंने पाया कि प्लास्टिक में मौजूद सामान्य यौगिकों और हृदय रोगों के बीच गहरा संबंध है। इसके अलावा, आंत के माइक्रोबायोम और हृदय रोग के बीच भी सीधा ताल्लुक पाया गया। यह शोध साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसमें इन खतरनाक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की गई है।
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कैसे करें प्लास्टिक के नुकसान से बचाव?
हालांकि प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा बन चुका है, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इसके हानिकारक प्रभावों से बचा जा सकता है।
- कांच या स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें: भोजन को प्लास्टिक के बजाय कांच या स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों में स्टोर करें। यह अधिक सुरक्षित और टिकाऊ होता है।
- प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म भोजन रखने से बचें: जब गर्म खाना प्लास्टिक में रखा जाता है, तो इससे अधिक मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक निकलता है। इसलिए, गर्म भोजन को हमेशा कांच या धातु के बर्तनों में ही रखें।
- पर्यावरण के अनुकूल रेस्तरां को दें प्राथमिकता: जब भी बाहर खाना खाएं, तो उन रेस्तरां को प्राथमिकता दें जो बायोडिग्रेडेबल या गैर-प्लास्टिक कंटेनरों का उपयोग करते हैं।
- प्लास्टिक के उपयोग को कम करें: प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन छोटी-छोटी चीजों में बदलाव करके इसे कम किया जा सकता है। जैसे कि धातु के चम्मच, कप और स्टील की बोतलों का अधिक उपयोग करें।
निष्कर्ष
नया शोध हमें यह चेतावनी देता है कि प्लास्टिक के बर्तनों का नियमित रूप से उपयोग करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, खासकर हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। प्लास्टिक में मौजूद रसायन शरीर के आंतरिक सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे रक्त संचार में रुकावटें आ सकती हैं और दिल की बीमारियां जन्म ले सकती हैं।
यदि हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग कम से कम करें और इसके विकल्पों की ओर बढ़ें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्लास्टिक के बजाय कांच और धातु के बर्तनों का उपयोग करें, ताकि भविष्य में हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे से बचा जा सके।
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