ED summons case: अरविंद केजरीवाल जब सत्ता में आये थे तो दिल्ली की जनता को उनसे बहुत उम्मीदें थीं। जिस तरीके से सत्ता में उनकी एंट्री हुई थी वो अपने आप में एक ऐसा उदाहरण था जिसे पिछली सरकारों के किए गए भ्रष्टाचारों पर सीधा निशाना बताया जा रहा था। अपनी पार्टी के नाम की तरह केजरीवाल ने आम आदमी के बीच अपनी लोकप्रियता तो बना ली लेकिन शायद उस लोकप्रियता को संभालने में थोड़े पीछे रह गए।
ये हम नहीं कह रहे ये वो सबूत बयां कर रहे हैं जो कुछ समय से उनकी पार्टी की ओर से सामने आ रहे हैं। पहले सत्येंद्र जैन, फिर मनीष सिसोदिया और अब अरविंद केजरीवाल। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आप पर कार्रवाई की गई है। सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं और अब केजरीवाल पर ईडी ने शिकंजा कसा है। आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल को शराब नीति मामले में ईडी ने 5 बार समन भेजा, लेकिन केजरीवाल एक बार भी पेश नहीं हुए
और इसी का जवाब देने के लिए 17 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में अपनी वर्चुअली पेशी दी।अब अदालत ने उनको 16 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने फिजिकली पेशी से छूट के लिए अर्जी दाखिल की थी। उनके वकीलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की इजाज़त मांगी थी। केजरीवाल के वकील ने इस पर सफाई भी पेश की। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को बजट सेशन है, ट्रस्ट मोशन भी सदन में पेश होना है, जिसके लिए उन्होंने मीटिंग में पेश होने का हवाला दिया।
चलिए अब जान लेते हैं कि ये पूरा मामला क्या है?
शराब घोटाले को लेकर ईडी अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए ईडी केजरीवाल को 5 बार समन भेज चुकी है लेकिन केजरीवाल एक बार भी पेश नहीं हुए हैं। अब ये समझ लीजिए की अरविंद केजरीवाल पर ईडी ने शिकंजा क्यों कसा है?
दरअसल ईडी 5 बातों को आधार बनाकर केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है। ईडी के अनुसार, ईडी की जांच में 5 बातें सामने आई हैं जिसमें पहला है- प्रोसीड ऑफ क्राइम के दौरान 338 करोड़ रूपए आप तक पहुंचे हैं। बता दें कि मनीष सिसोदिया की बेल पर sc में सुनवाई के दौरान enforcement directorate ने 338 करोड़ रूपए की मनी ट्रेल अदालत के सामने रखी थी। ये साबित हो गया कि आबकारी नीति के दौरान शराब माफिया ने 338 करोड़ रूपए आप तक पहुंचाए थे। अब आम आदमा पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल हैं तो उनसे पूछताछ करना तो बनता है।
इन सबके अलावा अरविंद केजरीवाल पर घोटाले के आरोपी इंडोस्पिरिट के डायरेक्टर समीर महेंद्रू ने पूछताछ में ईडी को बताया कि केजरीवाल के बेहद करीबी विजय नायर ने उसकी मुलाकात फेस टाइम ऐप के जरिये अरविंद कोजरीवाल से करवाई थी। जिसमें अरविंद केजरीवाल ने उनसे बोला था कि विजय नायर उसका आदमी है और उसे नायर पर भरोसा करना चाहिए। वहीं बता दें कि अरविंद केजरीवाल के घर पर ही नई आबकारी नीति को लेकर मीटिंग हुई थी।
मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सचिव सी अरविंद ने बताया कि आबकारी नीति में 6% का मार्जिन प्रॉफिट था, जिसे केजरीवाल की मंजूरी से ही 12% किया गया था। यानी आबकारी नीति बनाने में अरविंद केजरीवाल की भी भूमिका थी। इसके अलावा आखिरी पॉइंट नई आबकारी नीति को लेकर जो कैबिनेट बैठक हुई थी वह कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई जाती है। ईडी इन्हीं पांच बातों को लेकर अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है। अब पूरे मामले में आगे क्या-क्या सामने आने वाला है ये देखने वाली बात होगी।