Uttarkashi News: चार साल बाद भी अधूरी पड़ी नगल गांव की सड़क, बारिश में टूटी पगडंडियां
उत्तरकाशी के नगल गांव में चार साल पहले शुरू हुई सड़क कटिंग अब तक अधूरी है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। निर्माण मलबे से पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, खासकर बरसात में हालात बदतर हैं। ग्रामीणों ने कई बार विभाग से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
Uttarkashi News: चार वर्षों के लंबे इंतजार के बावजूद उत्तरकाशी जिले के डुंडा विकासखंड स्थित नगल गांव की सड़क निर्माण की प्रक्रिया अधूरी पड़ी है। जहां एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर नगल गांव के लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) की लापरवाही और धीमी कार्यप्रणाली के चलते ग्रामीणों को ना केवल सड़क का इंतजार करना पड़ रहा है, बल्कि उनकी पैदल पगडंडियां भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे बारिश के मौसम में हालात और बदतर हो गए हैं।
2022 में शुरू हुआ कार्य, 2025 में भी अधूरा
गांव के निवासी राममूर्ति सिलवाल ने बताया कि यमुनोत्री हाईवे से उनके गांव को जोड़ने के लिए करीब 3 किलोमीटर लंबी सड़क की कटिंग का काम वर्ष 2022 में शुरू किया गया था। लेकिन अब चार साल बीत जाने के बावजूद भी सड़क पूरी तरह से नहीं बन सकी है। हालात ये हैं कि कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे निर्माण के दौरान निकला मलबा गांव के पैदल रास्तों में भर गया और वे पूरी तरह खराब हो गए।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
नालियों और डंपिंग जोन की नहीं की गई व्यवस्था
स्थानीय लोगों का आरोप है कि PWD ने न तो जल निकासी की कोई व्यवस्था की और न ही मलबा डंप करने के लिए कोई डंपिंग जोन बनाया। परिणामस्वरूप सड़क निर्माण से निकला मलबा सीधे गांव के रास्तों में भर गया और ग्रामवासियों की मुख्य पगडंडियां भी टूट गईं। बरसात के मौसम में यह समस्या और विकराल हो गई है, जब रास्तों पर कीचड़ और फिसलन के कारण चलना मुश्किल हो गया है।
ग्रामीणों की अपीलें रह गईं अनसुनी
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अनेक बार विभागीय अधिकारियों से मांग की कि जब तक सड़क निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक कम से कम पैदल रास्तों की मरम्मत कर दी जाए। लेकिन इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब स्थिति यह है कि गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, बुजुर्ग और महिलाएं जरूरी कार्यों के लिए भी बाहर नहीं निकल पा रही हैं।
एक ग्रामीण ने नाराजगी जताते हुए कहा, “जब हाईवे से महज कुछ दूरी पर बसे गांव के लोग इस हाल में हैं, तो दूरस्थ और दुर्गम इलाकों की स्थिति का अंदाज़ा लगाना कठिन नहीं है।”
READ MORE: चंपावत में ड्रग्स तस्करी का बड़ा खुलासा, महिला के पास मिली 10 करोड़ की एमडीएमए
बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित
क्षतिग्रस्त रास्तों के कारण स्कूली बच्चे सबसे अधिक परेशान हैं। बरसात में फिसलन और गड्ढों से भरे रास्तों से गुजरकर स्कूल पहुंचना उनके लिए जोखिम भरा हो गया है। बच्चों के माता-पिता भी चिंतित हैं और उन्होंने प्रशासन से पैदल रास्तों के पुनर्निर्माण की तत्काल मांग की है।
जल्द डीएम से करेंगे मुलाकात
ग्रामीणों ने अब जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी समस्या रखने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि विभाग की उदासीनता अब बर्दाश्त के बाहर है और यदि जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
विभाग का पक्ष
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश सैनी ने बताया कि, “नगल गांव की सड़क को खोलने के लिए मशीनें भेजी गई हैं। बरसात खत्म होने के बाद सड़क निर्माण का कार्य फिर से शुरू किया जाएगा।”
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि वे हर साल यही आश्वासन सुनते आ रहे हैं, लेकिन जमीन पर कोई बदलाव नजर नहीं आता।
नगल गांव की स्थिति उत्तराखंड के उन कई ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बयां करती है, जो विकास के दावे तो सुनते हैं लेकिन ज़मीनी सच्चाई उससे दूर होती है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो न केवल गांव की कनेक्टिविटी प्रभावित रहेगी, बल्कि लोगों की जीवन सुरक्षा और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी बाधित होती रहेंगी।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV