किसानों के आंदोलन से हो गया भारी नुकसान, जानिए कितना पड़ा असर ?
Delhi Kisan Protest: दिल्ली के बॉर्डर पर जुटे आंदोलनकारियों को राजधानी की सीमा में घुसने से रोकने के लिए पुलिस को रास्ते बंद करने पड़े। जिसकी वजह से घंटों तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही। नतीज़ा ये हुआ कि ज़रूरी सामान ले जाने वाले कई ट्रक दिल्ली पहुंच ही नहीं पाए। जिससे आम लोगों को परेशानी तो हो ही रही है.।देश और राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है.।
दरअसल आपको बता दें कि हरियाणा से पंजाब के लिए रोज़ाना लगभग 400 बसें चलती हैं।किसान आंदोलन के कारण हरियाणा रोडवेज की बसें नहीं चलने और टोल बंद होने से हर रोज 10 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है। किसान आंदोलन के पहले ही दिन शंभू बॉर्डर के पास हाइवे के तीन लेन में करीब चार किलोमीटर तक ट्रकों की कतार लग गई। अगर एक किलोमीटर में सौ ट्रक भी मान लें तो अनुमान लगाइए कि पंजाब-हरियाणा, जम्मू और हिमाचल की तरफ से निकले करीब चार हज़ार ट्रक दिल्ली तक या तो पहुंच नहीं पाए या फिर घंटों देरी से पहुंचे।
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दरअसल पंजाब से लकड़ी, हार्डवेयर का सामान, स्पेयर पार्ट, ऑटो पार्ट, कपड़े, खेल का सामान, सूखे मेवे, फल-सब्जी जैसे कई सामान आते हैं। आंदोलन के कारण सड़कें बंद होने से इन सभी सामानों के आवक पर असर पड़ेगा… अगर ये आंदोलन आने वाले दिनों में भी जारी रहता है और ट्रकों की आवाजाही यूंही बंद रहती है तो फल, सब्ज़ी, दूध जैसी रोज़मर्रा के ज़रूरत की चीज़ों के दाम बढ़ने के आसार हैं।यही नहीं, शंभू बॉर्डर पर टोल प्लाज़ा बंद होने से रोज़ाना करीब 50 लाख के नुकसान का अनुमान है। अगर आंदोलन की वजह से टोल प्लाज़ा पर 10 दिन भी असर पड़ा तो करीब 5 करोड़ का नुकसान एक टोल प्लाज़ा से होगा। शंभू बॉर्डर के अलावा सिंघू बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन का असर देखा जा रहा है.. यहां भी हरियाणा, पंजाब और जम्मू की ओर से आनेवाली गाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ेगा। जिसकी वजह से दिल्ली के गाज़ीपुर और आज़ादपुर जैसी मंडियों में फल-सब्ज़ी की किल्लत हो सकती है और करीब एक हज़ार करोड़ का रोज़ाना नुकसान हो सकता है। ऐसा नहीं है कि ये नुकसान सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित रहेगा। दिल्ली बॉर्डर से सटे हरियाणा के बहादुरगढ़ के पास कई सारी इंडस्ट्रीज़ हैं.. किसानों के आंदोलन की वजह से उनके काम पर भी असर पड़ रहा है।
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दरअसल बॉर्डर से सटे इलाकों में स्थानीय स्तर पर उद्योगों का करीब 50 हज़ार करोड़ का सालाना टर्नओवर है.. इस हिसाब से एक दिन काम ठप होने से करीब 136 करोड़ का नुकसान होगा।जिसे देखते हुए व्यापार मंडल ने बैनर लगाकर किसानों से उनकी रोज़ी-रोटी पर लात नहीं मारने की अपील की। एक तरफ पंजाब, हरियाणा की तरफ के ट्रक दिल्ली नहीं पहुंच रहे हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली से होकर जाने वाली गाड़ियां भी पंजाब की तरफ नहीं जा पा रही है.. जिसे देखते हुए सरकार ने आशंका जताई है कि पंजाब में पेट्रोल, डीज़ल और गैस की किल्लत हो सकती है। साथ ही पेट्रोल-डीज़ल की सप्लाई में 50 प्रतिशत की कमी आ सकती है जबकि गैस की सप्लाई में भी 20 प्रतिशत का अंतर आ सकता है। इस बीच ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि बॉर्डर बंद होने से ट्रकों को काफी दूर घूमकर दिल्ली आना पड़ रहा है। जिसकी वजह से वो मालभाड़ा बढ़ाने की सोच रहे हैं…जिसका असर भी आम लोगों की जेब पर पड़ने वाला है।