Farmers Protest: बुलडोजर और ट्रैक्टर लेकर दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे किसान, तोड़े बैरिकेड्स
देश के किसानों ने सोमवार (2 दिसंबर) को राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर दिया है। इस मार्च में हजारों किसान शामिल हुए हैं। किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए हैं।
Farmers Protest: देश के किसानों ने सोमवार (2 दिसंबर) को राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर दिया है। इस मार्च में हजारों किसान शामिल हुए हैं। किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए हैं। इस आंदोलन को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली की सीमा पर बैरिकेडिंग कर दी है और हजारों जवानों को तैनात कर दिया है। पुलिसकर्मी लगातार किसानों से मार्च रोकने की अपील कर रहे हैं। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे चैन से नहीं बैठेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार है।
5,000 पुलिसकर्मी तैनात
नोएडा के ज्वाइंट सीपी शिवहरि मीना – हम किसानों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर लगातार बात कर रहे हैं। कल भी हमने उनसे 3 घंटे बात की। हमने 3 स्तरीय सुरक्षा योजना भी तैयार की है। करीब 5 हजार पुलिसकर्मी जगह-जगह चेकिंग कर रहे हैं। हमने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है। करीब एक हजार पीएससी जवानों को भी तैनात किया गया है। साथ ही वाटर कैनन की भी व्यवस्था की गई है।
पुलिस ने की बैरिकेडिंग
पुलिस ने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल पर बैरिकेडिंग लगा दी है, जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच सड़क अवरुद्ध हो गई है।
बैरिकेड्स तोड़े
किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं। वे बैरिकेड्स पर चढ़ गए और नारे लगाते हुए आगे बढ़ गए।
हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम घर नहीं जाएंगे
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। एक किसान नेता ने कहा- सरकार और अधिकारियों के पास हमारी मांगें पूरी करने के लिए समय है। इसके बिना हम अपने घर नहीं लौटेंगे। हमने उन्हें अपना कार्यक्रम पहले ही बता दिया है। अगर वे शाम तक कुछ घोषणा नहीं करते हैं, तो हम आगे अपना कार्यक्रम घोषित करेंगे।
चिराग पासवान ने क्या कहा?
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा- सरकार किसानों की बात सुनने और उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है। पिछली बार भी सरकार ने बिना किसी शर्त के उन कानूनों को वापस ले लिया था, जिन पर उन्हें आपत्ति थी। इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि केंद्र में हमारी एनडीए पूरी तरह से किसानों की भावनाओं के साथ काम करने की कोशिश कर रही है। सरकार ने बातचीत के लिए रास्ता खुला रखा है। मुझे लगता है कि पहले बातचीत होनी चाहिए।