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FIFA World Cup 2022: आखिर फीफा में जाकिर को क्यों दी गई जगह? नाइक के पहुंचने से भारत नाराज़

नई दिल्ली: इन दिनों फीफा वर्ल्डकप (FIFA World Cup 2022) पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लेकिन अब ऐसा लग रहा है जैसे कतर फीफा वर्ल्डकप में धार्मिक छिड़काव करना चाहता है. शायद इसलिए ही कतर ने भड़काऊ भाषण और आतंक से जुड़ी गतिविधियों के आरोपी जाकिर नाइक  को मजहबी तकरीर देने के लिए न्योता दिया है. रिपोर्ट के जरिए समझिए पूरा मामला..

कतर की मेजबानी में खेला जा रहा फीफा

इस्लामिक देश कतर की मेजबानी में खेला जा रहा फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) दिन-प्रतिदिन और भी दिलचस्प होता जा रहा है. वहीं भारत इस खेल में शामिल नहीं है. लेकिन बावजूद इसके इन दिनों भारत में कतर में हुए एक वाकये की हर तरफ चर्चा हो रही है. निंदा भी और इसका कारण भी खुद कतर ही है, क्योंकि भगोड़े जाकिर नाइक को कतर ने फीफा वर्ल्ड कप के दौरान मजहबी तकरीर करने के लिए बुलाया है. जिसके बाद भारत और कतर के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गयी है. भारत ने कतर के इस कदम की कड़े शब्दों में निंदा की है.

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भगोड़े जाकिर का इतिहास

अब आपको भगोड़े जाकिर नाइक का इतिहास (FIFA World Cup 2022) बताते हैं. ये भी बताते हैं कि आखिर भारत सरकार ने उस बैन क्यों लगाया? मनी लांड्रिंग से लेकर आतंकी गतिविधियों में शामिल जाकिर नाइक करीब 32 साल पहले चर्चा में आया था. आपके बता दें कि जाकिर नाइक भारत में 1990 के दशक से अपने धार्मिक उपदेशों को लिए चर्चा में आया था.

साल 2000 की शुरुआत में उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमे जाकिर नाइक ने कई आपत्तिजनक भाषण दिए. जिसके बाद जाकिर पर अपने अनुयायियों को दूसरा धर्म के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगा है.

2016 में भारत ने जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन यानी IRF पर प्रतिबंध लगा दिया. बता दें कि 2017 से ही जाकिर नाइक एक भगोड़े के रूप में मलेशिया में जीवन बिता रहा है. जाकिर नाइक मलेशिया का स्थायी निवास है. लेकिन ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए 2020 से मलेशिया (FIFA World Cup 2022) के अंदर उसके भाषण देने पर पूरी तरह से पाबंदी है.

नाइक का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था

वहीं जाकिर के जुलाई 2016 में देश छोड़कर भागने के एक साल बाद भारत ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया था. उसके बाद नाइक ये भी दावा किया था कि वह एनआरआई था. 2016 में बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका (FIFA World Cup 2022) में विस्‍फोट हुए थे. इस घटना के बाद जो आतंकी गिरफ्तार हुए थे, उन्‍होंने खुद को जाकिर के भाषणों से प्रभावित बताया था. 2016 में बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका में हुए विस्‍फोट में करीब 22 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी.

बता दें कि कतर के ही एक सरकारी स्पोर्ट्स चैनल अलकास के टेलीविजन प्रेजेंटर अल्हाजरी ने ट्वीट किया था, ‘ शेख जाकिर नाइक वर्ल्ड कप के दौरान कतर में हैं और पूरे विश्व कप के बीच कई धार्मिक व्याख्यान देंगे. इसके बाद से ही यह खबरें सामने आईं कि कतर ने ही जाकिर नाइक को फीफा वर्ल्ड कप के लिए बुलाया है.

कतर दे रहा भारत को सफाई

वहीं जब मामले ने तूल पकड़ा तो कतर ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि उसकी तरफ से जाकिर नाइक को फीफा वर्ल्ड कप के ओपनिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए कोई आधिकारिक आमंत्रण नहीं दिया गया था. कतर ने साफ कहा है कि उसके और भारत के बीच रिश्तों में दरार डालने के लिए दूसरे देशों के द्वारा जानबूझकर ऐसी गलत खबरें चलाई गई हैं.

लेकिन कतर की सफाई पर मामला थमा नहीं. भारत में भी राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई. इसके साथ ही अब भारत में  फीफा वर्ल्डकप को बायकॉट करने की मुहिम छेड़ दी गई है. बीजेपी प्रवक्ता ने केंद्र सरकार, भारतीय फुटबॉल संघ, कतर में रह रहे भारतीयों और फीफा विश्व कप के लिए अरब देश की यात्रा की योजना बना रहे सभी लोगों से बहिष्कार करने की अपील की.

फीफा विश्व कप एक वैश्विक स्पर्धा

उन्होंने ये भी कहा कि फीफा विश्व कप (FIFA World Cup 2022) एक वैश्र्विक स्पर्धा है जिसमें दुनियाभर से लोग इस मैच का आनंद उठाने आते है. जबकि करोड़ों दर्शक टेलीविजन और इंटरनेट पर मैच देखते हैं. ये भारत के खिलाफ साजिश है. इसका बहिस्कार करना जरूरी है.

बताते चलें कि जाकिर नाइक पर भारत में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. भारत में वांछित है. उस पर आरोप है कि उसके भाषण विवादित थे, जो पीस टीवी पर दिखाये जाते थे. उसके एनजीओ IRF का दफ्तर मुंबई के डोंगरी में था. जिस पर बैन लगाी दिया गया था.

जहां धर्मों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के लिए ब्रिटेन और कनाडा ने नाइक पर प्रतिबंध लगा रखा है. वहीं नाइक  मलेशिया के 16 प्रतिबंधित इस्लामी विद्वानों में शामिल है. ऐसे में जाकिर नाइक का कतर में जाना वाकई कई सवाल खड़े करता है.

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Neetu Pandey

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