TDS Filing: टीडीएस रिटर्न फाइल करना हुआ जरूरी, समय पर न करने पर लगेगा भारी जुर्माना
टीडीएस रिटर्न एक कानूनी दस्तावेज है, जिसे समयसीमा में फाइल करना आवश्यक होता है। अगर यह रिटर्न देरी से फाइल किया गया, तो हर दिन ₹200 का जुर्माना लग सकता है। आयकर पोर्टल के माध्यम से रिटर्न ऑनलाइन दायर करना अब आसान हो गया है।
TDS Filing: आयकर विभाग ने टीडीएस (Tax Deducted at Source) रिटर्न भरने की प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश और ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है। अगर आपकी आय के किसी हिस्से से टीडीएस काटा गया है—चाहे वह वेतन, ब्याज, किराया, या अन्य भुगतान के रूप में हो—तो उसे निर्धारित समयसीमा में विभाग को जमा कराना अनिवार्य है। टीडीएस की यह राशि सरकार को भेजने के बाद उसकी सूचना विभागीय पोर्टल पर दाखिल करना भी जरूरी है।
क्या है टीडीएस रिटर्न?
टीडीएस रिटर्न एक विवरण होता है, जिसमें उस तिमाही के दौरान जितने भी लेनदेन में टैक्स काटा गया है, उनकी पूरी जानकारी होती है। यह विवरण उस व्यक्ति या संस्था द्वारा भरा जाता है जिसने टैक्स काटा है। कटे हुए टैक्स की जानकारी करदाता के फॉर्म 26AS में दिखाई देती है।
किन लोगों को फाइल करना होता है टीडीएस रिटर्न?
टीडीएस रिटर्न वही संस्थाएं, कंपनियां या व्यक्ति फाइल करते हैं जिनके पास वैध TAN (Tax Deduction and Collection Account Number) होता है। यह आमतौर पर उन नियोक्ताओं, सरकारी संस्थानों, पेशेवरों या कंपनियों के लिए आवश्यक होता है जो वेतन, ब्याज, कमीशन, किराया या अन्य भुगतानों से टैक्स काटते हैं।
इसके अलावा, आयकर अधिनियम की धारा 44AB के तहत ऑडिट के दायरे में आने वाले पेशेवर और व्यवसायी भी इसमें आते हैं।
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किस पर कितना कटता है टैक्स?
TDS दरें विभिन्न लेनदेन प्रकारों पर अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए—वेतन पर कटौती स्लैब के अनुसार होती है, जबकि बैंक ब्याज पर सामान्यत: 10%, प्रॉपर्टी की बिक्री पर 1%, और तकनीकी सेवाओं पर 2% तक टैक्स काटा जाता है।
टीडीएस रिटर्न कैसे फाइल करें?
टीडीएस रिटर्न फाइल करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
- incometax.gov.in पर जाएं।
- TAN नंबर का उपयोग कर लॉग इन करें।
- डैशबोर्ड में “e-file” टैब चुनें और फिर “Income Tax Forms” > “File Income Tax Forms” पर क्लिक करें।
- सही फॉर्म नंबर चुनें (जैसे 24Q, 26Q आदि)।
- जरूरी विवरण भरें और डिजिटल सिग्नेचर या EVC (इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड) से सत्यापित करें।
- सफलतापूर्वक फाइलिंग के बाद एक्नॉलेजमेंट रिसीव करें।
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फाइलिंग में देरी पर क्या है सज़ा?
अगर समयसीमा के भीतर टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं किया गया, तो आयकर अधिनियम की धारा 234E के तहत ₹200 प्रतिदिन की दर से जुर्माना लगाया जाता है। हालांकि, यह जुर्माना उस तिमाही में काटे गए कुल टीडीएस से अधिक नहीं हो सकता। इसके अलावा बार-बार की गई देरी पर और भी कानूनी कार्रवाइयों की संभावना रहती है।
फाइलिंग की तिथि और समय सीमा
हर तिमाही के लिए निर्धारित समयसीमा होती है। जैसे, अप्रैल-जून तिमाही की अंतिम तिथि 31 जुलाई, जुलाई-सितंबर की 31 अक्टूबर, अक्टूबर-दिसंबर की 31 जनवरी और जनवरी-मार्च तिमाही की डेडलाइन 31 मई है।
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सरकार की सख्ती और डिजिटल सुविधा
सरकार ने डिजिटल फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आयकर पोर्टल को उन्नत बनाया है ताकि करदाता आसानी से ऑनलाइन टीडीएस रिटर्न भर सकें। यह कदम पारदर्शिता को बढ़ाने और कर चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि कर अनुपालन को सुगम और सुलभ बनाकर अधिक से अधिक करदाताओं को कर व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है।
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