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Zika Virus : कर्नाटक में जीका वायरस के पांच मामले आए सामनेबेंगलुरु में सतर्कता बढ़ी

Five cases of Zika virus reported in Karnataka, vigilance increased in Bengaluru

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हाल ही में जीका वायरस के पांच नए मामले सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन में हलचल मच गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने सोमवार को जानकारी दी कि यह मामले 4 अगस्त से 15 अगस्त के बीच दर्ज किए गए हैं। इस घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है, और संबंधित क्षेत्रों में लोगों की स्क्रीनिंग और जांच का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

कैसे हुआ जीका वायरस का पता?

मामलों का पता तब चला जब एक व्यक्ति में जीका वायरस के लक्षण दिखाई दिए और उसकी जांच कराई गई। जीका वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल आस-पास के इलाके में व्यापक स्तर पर जांच अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत, 4 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक लोगों के नमूने लिए गए और उनमें से चार अन्य लोगों में भी जीका वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई।

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने जानकारी देते हुए कहा, “जीका वायरस के पांच मामले सामने आए हैं और इन सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए हम सतर्कता बढ़ा रहे हैं। संक्रमण की पुष्टि के बाद, हमने संबंधित क्षेत्रों में स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग बढ़ा दी है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।”

क्या है जीका वायरस?

जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है, जो संक्रमित एडीस मच्छरों के काटने से फैलता है। यह वही मच्छर है जो डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होता है। जीका वायरस के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना और मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं। हालांकि, कई मामलों में जीका वायरस के संक्रमण के बाद कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह वायरस बेहद खतरनाक हो सकता है। यह वायरस गर्भ में पल रहे शिशु में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकारों का कारण बन सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता और उपाय

जीका वायरस के मामलों के सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने के लिए फॉगिंग और एंटी-लार्वल स्प्रे का छिड़काव शुरू कर दिया है। इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को भी मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों और आस-पास के इलाकों में पानी को जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के पनपने के लिए आदर्श स्थिति बनाता है।

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। उन्होंने कहा, “हम जीका वायरस संक्रमण के मामलों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। लोगों से आग्रह है कि वे स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की संदिग्ध स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।”

पूर्व में जीका वायरस के मामले और सरकार की प्रतिक्रिया

यह पहली बार नहीं है जब भारत में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं। इससे पहले भी, देश के विभिन्न हिस्सों में जीका वायरस के संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और व्यापक जांच के कारण इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है।

इस बार भी, कर्नाटक सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाई है। सरकार ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं और उन्हें आवश्यक दवाओं और उपकरणों से सुसज्जित किया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

Mansi Negi

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