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Manipur Flood and Landslide: मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही, 883 घर नष्ट, 3800 लोग बेघर

अधिकारी ने बताया कि रविवार को इंफाल पूर्वी जिले में इरिल नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, हालांकि तटबंध अभी तक नहीं टूटा है। स्थानीय लोग और अधिकारी तटबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि चेकोन और वांगखेई में जलस्तर कम हुआ है, लेकिन खुरई और हिंगांग इलाकों में स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है।

Manipur Flood and Landslide: मणिपुर में भारी बारिश के कारण पिछले 48 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है, जिससे 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल और इंफाल पूर्वी जिले के कई इलाके नदियों के उफान पर होने और तटबंधों के टूटने के कारण जलमग्न हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल शहर के कई जलमग्न इलाकों का दौरा किया, जबकि सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे अधिक प्रभावित जिले इंफाल पूर्वी में जलमग्न इलाकों से लोगों को बचाया।

राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भल्ला ने मुख्य सचिव पीके सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंफाल में कांगला नोंगपोक थोंग, लारीकिएंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज का दौरा किया और वहां की स्थिति का आकलन किया। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण पिछले 48 घंटों में कम से कम 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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भूस्खलन की 12 घटनाएं

एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम तक कुल 3,275 इलाके या गांव भारी बारिश की चपेट में आए, जिसमें दो लोग घायल हुए और 64 जानवरों के मरने की खबर है। उन्होंने बताया कि अब तक पूरे राज्य में भूस्खलन की कुल 12 घटनाएं सामने आई हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चेकोन इलाके में इंफाल नदी के उफान पर आने के बाद ऑल इंडिया रेडियो और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान के इंफाल परिसर समेत कई कार्यालयों और प्रतिष्ठानों के परिसर जलमग्न हो गए।

जेएनआईएमएस परिसर में भरा पानी

उन्होंने बताया कि इंफाल पूर्वी जिले के पोरोमपट स्थित जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (जेएनआईएमएस) में उपचार करा रहे कई मरीजों को रविवार शाम को दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया था। अधिकारी ने बताया कि स्थानीय क्लबों, स्वयंसेवकों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ कर्मियों ने ग्राउंड फ्लोर पर स्थित महिला ऑर्थोपेडिक और सर्जरी वार्ड में बाढ़ का पानी घुसने के बाद मरीजों को स्थानांतरित किया।

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जलस्तर खतरे के निशान को कर गया पार

उन्होंने कहा कि इंफाल पूर्वी जिले में इरिल नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान को पार कर गया, हालांकि तटबंध अभी तक नहीं टूटा है। स्थानीय लोग और अधिकारी तटबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह चेकोन और वांगखेई में जलस्तर कम हो गया, लेकिन खुरई और हिंगांग निर्वाचन क्षेत्रों में स्थिति जस की तस बनी हुई है।

राज्यपाल ने अधिकारियों को दिए निर्देश

राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने अपने दौरे के दौरान अधिकारियों को नदी की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और एहतियाती उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं। बयान के अनुसार राज्यपाल ने उपायुक्तों को प्रभावित लोगों को निकालने और अस्थायी राहत उपाय करने के निर्देश दिए हैं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी सतर्क कर दिया गया है।

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ग्रीष्म अवकाश बढ़ाने का आदेश

लगातार हो रही बारिश को देखते हुए राज्यपाल ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों तथा सेनापति जिले के स्कूलों में अगले आदेश तक गर्मी की छुट्टियां बढ़ाने की घोषणा की है। अधिकारियों ने बताया कि व्यूलैंड कॉलोनी के पास सेनापति नदी के उफान पर होने से सेनापति जिले के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं।

राज्य आपदा घोषित करने की मांग

इस बीच, लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने राज्यपाल से बाढ़ की स्थिति को राज्य आपदा घोषित करने का आग्रह किया है। भल्ला को लिखे पत्र में अकोईजाम ने कहा कि घोषणा से मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए संस्थागत उपायों को सक्रिय करने में मदद मिलेगी। मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग राज्य के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ को नियंत्रित करने में विफल रहा है।

उन्होंने यह टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हेइंगंग निर्वाचन क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान की। कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि विभिन्न रिटेनिंग दीवारों के अधूरे निर्माण के कारण रिहायशी और कृषि क्षेत्र उफनती नदियों में डूब गए हैं।

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Written By| Chanchal Gole| National Desk

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