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Pariksha pe Charcha 2025: छात्रों से लेकर अभिभावकों तक को पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ में दिए ये अहम टिप्स

'परीक्षा पे चर्चा' के आठवें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी, तनाव प्रबंधन, करियर प्लानिंग आदि पर छात्रों के सवालों के जवाब दिए। इस वर्ष की 'परीक्षा पे चर्चा' के लिए 3.30 करोड़ से अधिक छात्रों, 20 लाख शिक्षकों और 5.51 लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया था।

Pariksha pe Charcha 2025: बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण में छात्रों से बात की और उन्हें परीक्षा के तनाव से मुक्ति पाने के उपाय बताए। छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, सूर्योदय के बाद किसी पेड़ के नीचे खड़े होकर गहरी सांस लेनी चाहिए। अगर जीवन में कोई तरक्की करनी है तो पोषण का विशेष महत्व है। क्या खाना है, कब खाना है, कैसे खाना है, ये सब बहुत जरूरी है।

पीएम ने छात्रों के साथ लगाए पौधे

पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में भाग लेने आए छात्रों के साथ सुंदर नर्सरी में पौधे लगाए और उन्हें पेड़ों के महत्व के बारे में भी बताया।

अभिभावकों को भी दी सलाह

पीएम मोदी ने बच्चों के अभिभावकों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों के कौशल पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हर बच्चा अलग-अलग क्षेत्र में अच्छा होता है। उन्होंने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि वे पढ़ाई में नहीं, बल्कि खेल में अच्छे हैं। साथ ही उन्होंने अपने बारे में बात करते हुए कहा कि एक बार उनसे पूछा गया था कि अगर वे प्रधानमंत्री नहीं होते, बल्कि मंत्री होते, तो कौन सा विभाग चुनते। इस पर उन्होंने कहा कि वे कौशल विभाग चुनते, क्योंकि कौशल बहुत महत्वपूर्ण है।

पढ़े : ऐसे पाएं छात्र डिप्रेशन से छुटकारा, पीएम मोदी ने दिए ‘परीक्षा पे चर्चा’ में टिप्स

परिणामों के बारे में सोचें

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी बात को पहले सुनना चाहिए, फिर उस पर सवाल उठाना चाहिए और उसके परिणामों के बारे में भी सोचना चाहिए। फिर सोच-समझकर अंत में उसे खुद पर लागू करना चाहिए।

असफलता से कैसे बचें?

पीएम मोदी ने छात्रों को असफलता से बचने के टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि असफल होने के बाद जिंदगी नहीं रुकती। आपको तय करना है कि आपको किताबों में सफलता चाहिए या जिंदगी में। अपनी असफलताओं को अपना शिक्षक बनाएं और उनसे सीखें।

शिक्षकों ने मेरी लिखावट सुधारने में मदद की

पीएम मोदी ने छात्रों को अपने स्कूल के दिनों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उनकी लिखावट बहुत अच्छी नहीं थी, इसलिए उनके शिक्षकों ने इसे सुधारने के लिए बहुत मेहनत की। इस दौरान उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि भले ही उनकी लिखावट नहीं सुधरी, लेकिन उन शिक्षकों की लिखावट जरूर सुधर गई।

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लेखन पर ध्यान दें

पीएम मोदी ने छात्रों को लेखन पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि उम्र चाहे जो भी हो, लिखने की आदत हमेशा रखनी चाहिए।

किताबी कीड़ा मत बनो

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि उन्हें किताबी कीड़ा नहीं बनना चाहिए, लेकिन ज्ञान अर्जित करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए।

रोबोट की तरह मत जिएं

पीएम ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ आराम की भी जरूरत है। अपने माता-पिता को समझाएं कि हमें रोबोट की तरह नहीं जीना है, हम इंसान हैं। अगर बच्चे किताबों तक ही सीमित रहेंगे, तो उनका विकास नहीं हो सकता। उन्हें खुला आसमान चाहिए, उन्हें अपनी पसंद की चीजें करनी चाहिए।

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जिंदगी बर्बाद हो जाएगी

पीएम ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे समाज में यह बात घर कर गई है कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं ला पाए, अगर 10वीं-12वीं में इतने नंबर नहीं ला पाए तो हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। इसलिए पूरे घर में तनाव रहता है, ऐसे में आपको खुद को तैयार करना होगा। ऐसे में इस तनाव को अपने दिमाग में न लें और तय करें कि आज आपको कितना पढ़ना है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप खुद को इस तनाव से बाहर निकाल सकते हैं।

परीक्षा के तनाव को कैसे दूर करें?

अच्छे अंक लाने की टेंशन होती है। इस पर पीएम मोदी ने बच्चों से ही जवाब लिया। हमारे दिमाग में यह बात घर कर गई है कि अगर अच्छे अंक नहीं आए तो हम बर्बाद हो जाएंगे। यह बात हम अपने माता-पिता को भी नहीं समझा सकते। लेकिन इसका जवाब हमें खुद ही खोजना होगा। जैसे एक क्रिकेटर स्टेडियम में बैठे लोगों की चीख-पुकार और छक्के-चौके मारने की डिमांड की परवाह किए बिना अपने तरीके से क्रिकेट खेलता है, वैसे ही आपको भी पढ़ाई करनी चाहिए। बिना किसी दबाव के आपको अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होगा।

केरल की छात्रा ने जब हिंदी में बात की तो पीएम मोदी हैरान रह गए। फिर उन्होंने छात्रा से हिंदी में एक कविता भी सुनी।

ये दिग्गज छात्र-छात्राओं को भी देंगे टिप्स

इस साल के संस्करण में मैरी कॉम, दीपिका पादुकोण, अवनी लेखरा और सद्गुरु जैसी जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी, जो परीक्षा की चिंता, भविष्य की संभावनाओं और व्यक्तिगत विकास पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगी।

सद्गुरु जहां बच्चों को मानसिक शांति बनाए रखने और चिंता को नियंत्रित करने के तरीके सिखाएंगे, वहीं दीपिका पादुकोण मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के बारे में बात करेंगी, जबकि खेल जगत की दिग्गज मैरी कॉम और अवनी लेखरा बच्चों के साथ दृढ़ संकल्प और सफलता की अपनी प्रेरक यात्रा साझा करेंगी।

इस साल की ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए 3.30 करोड़ से अधिक छात्रों, 20 लाख शिक्षकों और 5.51 लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, शीर्ष 10 महान परीक्षा योद्धाओं को प्रधानमंत्री आवास पर एक विशेष उपहार भी दिया जाएगा।

36 छात्रों का चयन

इस साल अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 36 छात्रों का चयन किया गया है, जो सीधे पीएम मोदी से बात करेंगे। ये छात्र सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई स्कूलों से हैं। छात्रों के मन में परीक्षा से जुड़े जो भी सवाल हैं, वे बिना किसी झिझक के पीएम मोदी से पूछ सकते हैं और उन्हें उसका समाधान मिलेगा।

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Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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