उत्तराखंड से हिमाचल तक, शहर -शहर छाया कुदरत का कहर, कैसे सुधरेंगे हालात ?
Uttarakhand Weather: इन दिनों बाढ़ के चलते पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची हुई। भारी बाढ़ की वजह से चारों तरफ चीख पुकार मची हुई है। लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। राज्यों में हो रही मूसलाधार बारिश ने कहर बरपा रखा है। लगातार बारिश ने देश के अलग-अलग राज्यों में हाहाकार मचा दिया उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, जैसे राज्यों में हालात बहुत ही बुरे हो चुके है जहां सड़कों, घरों से लेकर बहुमंजिला इमारतों को भी ताश के पत्तों की तरह ढहते देखा जा रहा है। भारी बारिश की वजह इन राज्यों को बड़े स्तर पर नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हालात इतने बुरे हो गए हैं बारिश के तेज बहाव के चलते घरों से बेघर हो गए हैं। भारी बरसात की वजह से हर तरफ तबाही का सिलसिला जारी है।
उत्तराखंड में बारिश काल बन चुकी हैं जहां पर लोगों की बस्तियां ही उजड़ गई। सड़के तालाब में तब्दील हो गई। बड़ी मंजिले भी पानी के आगोश में समा गई है। इनता ही नहीं आंकड़े साफ जाहिर कर रहे हैं कि मौसम से जुड़ी तामम घटनाओं में कितने लोगों की जान चली गई है। सड़के बंद होने से जगह-जगह यात्री फसें हुए। जो भी जहां था उन्हीं स्थितियों में फंसा हुआ है। उत्तराखंड डूबने की कगार पर आ पहुंचा है। इतनी ही नहीं उत्तराखंड में बरसात के बाद हुए भूस्खलन से हाईवे भी बंद हो चुके हैं। उत्तराखंड के हालातों को काबू करना बेहद ही मुश्किल हो गया है।
हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ और जोरदार मानसून का एक दूसरे पर प्रभाव पड़ा है मानसून आने पर हिमालय में साधारण प्रक्रियाएं भी तेज गति से होने लगती. इसी की वजह से क्षेत्र के बड़े-बड़े हिस्सों पर भारी बारिश हो रही है। जुलाई महीने में बारिश होना तो आम बात है। गंभीर पश्चिमी विक्षोभ की वजह से ही बारी बारिश की गतिविधियों में इजाफा हुआ है।
साथ ही साथ भूमध्यसागर क्षेत्र से बन रहे बादलों का बनना भी एक वजह बताई गई है। बाढ़ की वजह से तमाम परेशानियां पैदा हो गई हैं। लोगों के आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। कई जगह पर बैरिकैंडिग कर दी गई है तो कहीं पर रूट डायवर्जन कर दिया गया है। लोगों ने शिविरों और फ्लाइओवर के नीचे के दिन गुजारने के लिए आसरा लिया है। उत्तराखंड के हालातों पर काबू पाना इतना आसान नहीं है। लगातर बाढ़ का संकट मडंराता नजर आ रहा है। हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक दिल्ली से लेकर मुंबई तक हर जगह आपातकालीन जैसी स्थितियां बनती नजर आ रही हैं।अब ऐसे में सभी राज्यों सरकारों के साथ ही साथ केंद्र सरकार के लिए तबाही एक चुनौती बनकर खड़ी है।