Ghaziabad Police: पुलिस की थर्ड डिग्री पिटाई से ऑटो चालक की मौत ! परिजनों ने रोड जाम की
मृतक के परिजनों का आरोप है कि आधी रात को पुलिस ने धर्मपाल को उन्हें सौपा था, तब वह था। अस्पताल ले जाने पर आधा घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने इंदिरापुरम पुलिस (Ghaziabad Police) पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप है। उसकी मौत पर सोमवार सुबह परिजनों ने हंगामा किया। धर्मपाल यादव (25) मूल रूप से जिला कासगंज के अमापुर थाना क्षेत्र के गांव नंगला बांस का रहने वाला था। फिलहाल वह परिवार सहित गाजियाबाद में इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित कनावनी गांव में रह रहा था।
गाजियाबाद। जनपद के थाना इंदिरापुरम में एक ऑटो चालक धर्मपाल यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि रात में एक्सीडेंट के बाद पुलिस ऑटो चालक को पकड़कर ले गई। वहां पुलिस चौकी में उस पर थर्ड डिग्री के इस्तेमाल करने से उसकी मौत हो गयी।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि आधी रात को पुलिस ने धर्मपाल को उन्हें सौपा था, तब वह था। अस्पताल ले जाने पर आधा घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने इंदिरापुरम पुलिस (Ghaziabad Police) पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप है। उसकी मौत पर सोमवार सुबह परिजनों ने हंगामा किया।
धर्मपाल यादव (25) मूल रूप से जिला कासगंज के अमापुर थाना क्षेत्र के गांव नंगला बांस का रहने वाला था। फिलहाल वह परिवार सहित गाजियाबाद में इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित कनावनी गांव में रह रहा था। धर्मपाल वैशाली मेट्रो स्टेशन से रेलवे विहार के बीच ऑटो चलाता था।
धर्मपाल के बहनोई अरविंद यादव ने बताया कि धर्मपाल रविवार रात करीब 10 बजे ऑटो से घर लौट रहा था। नीति खंड इलाके में रेलवे विहार कट पर ऑटो की एक साइकिल से टक्कर हो गई। इससे साइकिल सवार युवक घायल हो गया। धर्मपाल ने खुद UP 112 को फोन करके पुलिस बुलवाई थी।
आरोप है कि पुलिस धर्मपाल यादव को ही उठाकर कनावनी चौकी पर ले आई। धर्मपाल यादव ने पुलिस से कहा था कि वह घायल का इलाज करवा देगा। इसके बाद पुलिस उसको शांति गोपाल हॉस्पिटल में ले गई, जहां पर साइकिल सवार घायल व्यक्ति भर्ती था।
आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में ही पुलिस ने धर्मपाल को खूब पीटा। ये घटना CCTV में रिकॉर्ड बताई जा रही है। अरविंद यादव ने बताया कि हॉस्पिटल से पुलिस उसे चौकी पर ले गई और वहां भी खूब पिटाई की गई। रात में डेढ़ बजे कुछ पुलिसकर्मियों ने धर्मपाल के चचेरे भाई मुरारी यादव को फोन करके उसे ले जाने के लिए कहा।
मुरारी का कहना है कि जब वो चौकी पर पहुंचा, तो धर्मपाल यादव बेहोश पड़ा था। इसलिए वह उसे घर लाने की बजाय शांति गोपाल हॉस्पिटल ले गए। यहां रात करीब दो बजे धर्मपाल की मौत हो गई।