नई दिल्ली। गत 25 अगस्त को कांग्रेस से पचास साल पुराना नाता तोड़कर पार्टी को अलविदा कहने वाले गुलाम नवी आजाद सोमवार को पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होने कांग्रेस को छोड़ने के कारण संबंधी सवालों का बेबाकी से जबाव दिया। उन्होने जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की, वहीं गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नवीं आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को डेढ-दो साल पहले जब ‘जी-23’ नेताओं की ओर से चिठ्ठी लिखकर पार्टी में बदलाव के सुझाव दिया गया था, तब से वे गांधी परिवार की आंखों खटकने लगे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके सुझावों को नहीं माना।
गांधी परिवार को लगता है कि वे देश में सर्वोपरि हैं, फिर पार्टी के ही नेताओं ने उन पर सवाल क्यों उठाये। गांधी परिवार के सदस्य यह नहीं चाहते कि कोई भी उनके कार्यों और निर्णयों में दखल देखकर उन्हें सुझाव दे। उनके यहां पार्टी शुभचिंतकों की नहीं, चाटुकारों की बात को महत्व दिया जाता है।
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आज़ाद ने कहा कि उन्होने घरवालों (गांधी परिवार के सोनिया और राहुल) के कारण ही घर (कांग्रेस) को छोड़ा। जब परिवार के लोग किसी को पराया समझने लगे तो उसके लिए घर छोड़ना ही बेहतर होता है। पूर्व कांग्रेस नेता का कहना था कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्रूर समझते थे, लेकिन गुजरात की एक घटना को लेकर जब उन्होने मोदी का फोन किया था तो वे घटना पर अफसोस करते हुए रोने लगे थे। तब मोदी जी प्रति मेरी धारणा बदली।
गुलाम नवीं ने कहा कि गांधी परिवार की चापलूसी करने वाले हम पर चापलूसी का आरोप लगा रहे हैं। सच यह है कि कांग्रेस में किसी को गलत लोगों को आइना दिखाने की अनुमति नहीं है। वहां वे ही लोग ताकतवर समझे जाते हैं, जो गांधी परिवार की जी हुजूरी करते हैं।