Agniveer Reservation: कारगिल विजय दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों ने अग्निवीरों को पुलिस भर्तियों में आरक्षण देने की घोषणा की है। इसके अलावा, अग्निवीरों को गुजरात सरकार द्वारा एसआरपी और सशस्त्र पुलिस की भर्ती में भी प्राथमिकता दी जाएगी।
अग्निवीर योजना को लेकर चल रही लंबी बहस के बावजूद, कारगिल विजय दिवस पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में अग्निवीरों के लिए खुशखबरी आई है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गुजरात और उत्तराखंड ने अग्नीवीरों को आरक्षण देने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, देश की सेवा करके लौटने वाले अग्निवीरों को यूपी पुलिस और पीएसी बल में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा, अग्निवीरों को गुजरात सरकार द्वारा एसआरपी और सशस्त्र पुलिस की भर्ती में भी प्राथमिकता दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा ऐलान
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अग्निवीरों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की हैं कि अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के सशस्त्र बलों को यह अधिसूचित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है कि सरकार उन्हें अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जेल प्रहरी, वन रक्षक और पुलिस कांस्टेबल जैसे पदों पर प्राथमिकता आरक्षण देगी। छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही इस संबंध में एक व्यापक निर्देश जारी करेगी।
मध्य प्रदेश सरकार का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार यानि 26 जुलाई को घोषणा की कि उनका प्रशासन पुलिस और सशस्त्र बलों के कर्मियों की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देगा। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की 25वीं वर्षगांठ पर उन्होंने यह घोषणा की। अग्निवीर, अग्निपथ कार्यक्रम के तहत सेना के तीनों अंगों में चार साल की अवधि के लिए सैनिकों को तैनात किया जाता है। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के मुताबिक मध्य प्रदेश प्रशासन ने पुलिस और सशस्त्र बलों में अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला किया है। अग्निवीर योजना असल में सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने और सक्षम कर्मियों को आकर्षित करने के साथ-साथ उन्हें अन्य देशों के मुकाबले युवा बनाए रखने का एक प्रयास है।
अग्निवीरों को 10% आरक्षण
शुक्रवार को ओडिशा सरकार ने अग्निवीरों के लिए आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट और राज्य के पदों पर दस प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। यह बयान शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दिया, जो नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहे थे। उन्होंने कहा, “हमें अपने सैनिकों पर गर्व है। हमारी सशस्त्र सेवाओं से प्रशिक्षण प्राप्त अग्निवीर विभिन्न सुरक्षा-संबंधी क्षमताओं में देश के लिए काम करने के लिए योग्य हैं।”
पुलिस और पीएएसी बल में आरक्षण
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Pate) ने भी X पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें लिखा ” अग्निपथ योजना और अग्निवीरों के संबंध में विपक्ष की तरफ से फैलाए जाने वाले भ्रम बेतुके भी है, और निंदनीय भी है”। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय सेना में व आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में कई नए रिफॉर्म्स हो रहे हैं। इनमें से एक और कार्यक्रम अग्निपथ योजना है। अग्निवीरों के कारण भारतीय सेना की आयु में तेज़ी से वृद्धि होगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से साहसी युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए तैयार किया जाएगा और बाद में देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया जाएगा, जिसकी बहुत सराहना की जाएगी। गुजरात सरकार के मुताबिक सशस्त्र पुलिस और एसआरपी की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी।