Citizen Amendment Act: लोकसभा चुनाव से पहले सरकार उस कानून को लागू कर सकती है जिसको लेकर पिछले सालों में देश में काफी बवाल हुआ था। इस कानून का नाम है संशोधित नागरिकता कानून यानी सीएए है। इस कानून के लोहार देश में कई बड़े देश के हर इलाके में हुए हैं। दिल्ली में तो इस आंदोलन के खिलाफ लम्बा आंदोलन चला और कई लोगों की मौत भी हो गई। लेकिन अब यह कानून लागू होने को है। सरकार की तरफ से कुछ इस तरह के संकेत मिले हैं जो बता रहे हैं कि इसे जल्द ही लागू किया जा सकता है और यह लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू हो सकता है।
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सरकार की तरफ से इसको लेकर बयान भी सामने आयें हैं। सरकार ने कहा है कि सीएए के नियम लोकसभा चुनाव से बहुत पहले ही अधिसूचित किये जायेंगे। इसके साथ ही सरकार बहुत जल्द ही इससे जुड़ी नियमावली भी जारी करेगी। एक बार नियम जारी होने के बाद इस कानून को जारी करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस कानून के लागू होने के बाद पात्र लोगों को भारत की नागरिकता भी दी जाएगी।इस कानून के तहत पकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आये प्रताड़ित गैर मुस्लिम को भारत की नागरिकता दी जाएगी। संसद ने साल 2019 में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। बाद में इस विधेयक को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई थी। इस दौरान देश के कई हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। कई जगह दंगे की हालत हो गई थी। हालांकि लोगों ने इसे रोका और फिर शांति बहाल हो सकी।
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साफ़ है कि इस कानून के लागू होने के साथ ही भारत में गैर मुस्लिम समाज के लोग जो बांग्लादेश ,पकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले होंगे वे देश के भीतर नागरिकता लेने के हकदार होंगे। इसमें सिख ,ईसाई ,बौद्ध और हिन्दू हो सकते हैं। इस कानून में मुसलमानों के आने पर मनाही की गई है। कानून के इसी भाग को लेकर इसका विरोध किया जा रहा है। इन तीन देशों से आये विस्थापितों को नागरिकता के लिए कोई ख़ास दस्तावेज़ नहीं जमा करना होगा। अब सरकार की कोशिश में लगी है कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर इसका लाभ लिए जा सके। सरकार को लगता है कि लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का लाभ तो उसे मिल ही रहा है इसके साथ ही इस नए कानून को लागू करके भी हिन्दू -मुसलमान के बीच ध्रुवीकरण किया जा सकता है। और यह ध्रुवीकरण हुआ तो बीजेपी को ज्यादा लाभ हो सकता है। बीजेपी और संघ के लोग इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। बीजेपी के लोगो को लग रहा है कि इस कानून के लागू होने से कई राज्यों में ज्यादा लाभ होगा। बंगाल जैसे राज्यों में बीजेपी इस कानून के जरिये लाभ उठाने को तैयार है।