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एक बार फिर जंतर-मंतर पर कुश्ती को लेकर प्रदर्शन शुरू, जूनियर पहलवानों के निशाने पर तीन पहलवान

Wrestlers protest at Jantar Manta : भारतीय कुश्ती में पिछले एक साल से चल रहे संकट ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया. सैकड़ों जूनियर पहलवानों ने अपने करियर के एक महत्वपूर्ण साल के नुकसान के विरोध में जंतर-मंतर पर एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे है. जूनियर पहलवानो इस स्थिति के लिए शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया है. पिछले 1 साल से भारतीय कुश्ती में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. सीनियर पहलवानों साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के प्रदर्शन के बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी.

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उसके बाद WFI का चुनाव हुआ तो खिलाड़ियों ने नए अध्यक्ष संजय सिंह का विरोध किया. साक्षी मलिक ने पहलवानी से संन्यास का एलान कर दिया और बजंरग पूनिया-विनेश फोगाट ने अपने पुरस्कारों को वापस कर दिया. इसके बाद खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष को निलंबित कर दिया. वहीं 3 जनवरी यानी बुधवार को एक बार फिर पहलवान जंतर-मंतर पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन करने लगे है. लेकिन इस बार ये धरना प्रदर्शन कुश्ती संघ या उसके अधिकारियों के खिलाफ नहीं बल्कि पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ है. बुधवार को सैकड़ों जूनियर पहलवानों ने अपने करियर के एक महत्वपूर्ण साल के नुकसान के विरोध में जंतर-मंतर पर एकत्र होकर धरना प्रदर्शन कर रहे है. जूनियर पहलवानों इस स्थिति के लिए शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश और बजरंग पूनिया को दोषी ठहराया है. बसों में भरकर सैकड़ों जूनियर पहलवान हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे है. इतने जूनियर पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंच गए और दिल्ली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.

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साक्षी, बजरंग और विनेश के खिलाफ जूनियर लगाए नारे

करीब 300 जूनियर पहलवान छपरौली, बागपत में आर्य समाज अखाड़े से आए थे जबकि कई अन्य पहलवान नरेला में वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से आए थे. अभी भी कई लोग बसों में भरे हुए हैं. सभी जूनियर पहलवान अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रदर्शन में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. सुरक्षाकर्मियों को जूनियर पहलवानों को नियंत्रित करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है. जूनियर पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. सभी प्रदर्शनकारी पहलवानों के हाथ में बैनर है जिन पर लिखा है ”UWW हमारी कुश्ती को इन 3 पहलवानों से बचाएं.’

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1 वर्ष पहले शीर्ष 3 पहलवानों को मिला था भारी समर्थन

लगभग1 वर्ष पहले इसी जंतर-मंतर पर शीर्ष 3 पहलवान अपने उद्देश्य के लिए भारी समर्थन हासिल करने में कामयाब हुए थे. उन्होंने पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी. सामाजिक कार्यकर्ताओं, किसान समूहों, महिला समूहों, राजनेताओं और कुश्ती बिरादरी के सदस्यों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के हजारों लोग साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के समर्थन में सामने आए.

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क्या है जूनियर पहलवानों की मांग?

इन तीनों पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को अब अपने समुदाय के भीतर से विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए जूनियर पहलवानों ने उन तीनों पहलवानों पर अपना करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया है. राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताएं जनवरी 2023 से रुकी हुई हैं. क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ WFI को 2 बार निलंबित कर दिया गया है. अब 1 तदर्थ पैनल खेल को चला रहा है. बुधवार यानी 3 जनवरी 2024 को विरोध करने वालों ने मांग की है कि खेल मंत्रालय के द्वारा खेल को चलाने के लिए नियुक्त किए गए तदर्थ पैनल को भंग किया जाए और निलंबित भारतीय कुश्ती संघ को बहाल किया जाए.

Rohit Mishra

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