न्यूज़बिहारराजनीतिराज्य-शहर

जदयू के कई सांसद छोड़ सकते है पार्टी,30 सीटों पर लड़ेगी बीजेपी

Bihar Politic’s: पहली खबर तो यही है कि बीजेपी बिहार भले ही विपक्षी गठबंधन से मुश्किल में है लेकिन पार्टी नेताओं के हौसले बुलंद हैं। हालाकि बिहार बीजेपी का यह भी सच है कि वहा कोई भी ऐसा नेता नही है जो अपने दम पर चुनाव जीत सके। अब तक जितने लोग संसद बने है वे मोदी लहर में ही बने है और कुछ जातीय खेल का लाभ उन्हे मिला है ।लेकिन इस बार बहुत कुछ बदल चुका है । सबसे बड़ी बात तो यही है जदयू बीजेपी के साथ नही है और इसका प्रभाव बीजेपी पर पड़ेगा यह सब जानते भी है ।बीजेपी की मुश्किल भी यही है ।फिर जैसे ही जातीय जनगणना का आंकड़ा सामने आएगा बिहार का मिजाज बदलेगा और एक नई राजनीति भी शुरू होगी। बीजेपी के लिए यह भी एक परेशानी है ।
लेकिन फिर भी बीजेपी बिहार में 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बिहार में 40 लोकसभा की सीट है और बीजेपी ने 35 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी केवल किशनगंज और नालंदा सीट पर कमजोर दिख रही है और हालिया बीजेपी के इंटरनल सर्वे में भी यह बात खुलकर सामने आई है ।

Read More: Breaking Hindi News | Latest Hindi News
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी 30 सीटों पर खुद चुनाव लडेगी ।6 सीट लोजपा के दोनो धरों को देगी जबकि दो सीट कुशवाहा को देगी। एक सीट जीतन राम की पार्टी को देने का निर्णय हुआ है हालाकि जीतनराम भी दो सीट मांग रहे है। लेकिन बीजेपी ने राम को कहा है कि चुनाव में जीत हासिल होती है तो उन्हें राज्य सभा में भेजा जा सकता है। अभी तक की यही कहानी है ।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि चिराग पासवान और उनके चाचा के बीच जो खेल जारी है उससे बीजेपी की मुश्किल बढ़ी है। चिराग अपनी पार्टी के लिए 6 सीट मांग रहे है जबकि उनके चाचा पांच सीट मांग रहे हैं लेकिन बीजेपी ने साफ माना कर दिया है और कहा है कि 6 सीटों में ही दोनो लोग चुनाव लडे। चिराग हाजीपुर सीट भी लेना चाहते है और बीजेपी ने इसको लेकर चिराग को आश्वत भी किया है लेकिन पशुपति पारस अभी मानने को तैयार नहीं हैं।
उधर सबसे बड़ा खेल जदयू के भीतर होने की संभावना है। जदयू के कई सांसदों का इस बार टिकट काटना निश्चित है।जानकारी के मुताबिक राजद और जदयू 15 15 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जबकि कांग्रेस और अन्य के लिए 10 सीटें छोड़ने को बात हुई है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जातीय आधार पर जहां जदयू का वोट बैंक है वही राजद का भी वोट बैंक है। ऐसे में कई ऐसे जदयू सांसद है जिनका टिकट काटना निश्चित है। ऐसे में ये सभी लोग बीजेपी के साथ जा सकते है।खबर के मुताबिक अक्टूबर में बिहार जदयू में टूट हो सकती है। करीब आधा दर्जन संसद बीजेपी के साथ जा सकते। बीजेपी को ऐसे ही नेताओं की जरूरत है जो चुनाव जीत सके और बीजेपी जानती भी है कि जदयू से कई सांसदों का टिकट काटना है। सबसे ज्यादा टिकट कोसी इलाके से कटने को संभावना है।

also Read: Latest Political News | Breaking Political News in Hindi
यही कोसी क्षेत्र वह इलाका है जहां कांग्रेस ,जदयू और राजद के बीच लड़ाई होनी है और इसी क्षेत्र से जुड़े जदयू नेता अपनी राजनीति को बचाने के लिए बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
बीजेपी की सांसे बड़ी परेशानी जगत जनगणना के साथ आ सकती है बिहार के तमाम दल इस जातिगत आंकड़े की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जैसे ही आंकड़े सामने आएंगे बिहार को राजनीति एक दूसरे दौर में पहुंच जाएगी। वहां फिर से मंडल कमंडल की लड़ाई शुरू होगी और फिर जाती पर आकर लड़ाई शांत हो जायेगी। बिहार और देश का सबसे बड़ा सच यही है कि जाति कोई छोड़ना नहीं चाहता और राजनीतिक दल जाति के आसरे ही आज बढ़ती रही है। बीजेपी का हिंदुत्व का जवाब यह जाति कितना दे पाएगी यही तो देखना है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button