प्रयागराज: अटाला हिंसा के मास्टर माइंड जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा की याचिका पर बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका में परवीन ने आरोप लगाया था कि 12 जून को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने उनके नाम पर बना मकान बिना नोटिस दिये गैर कानूनी ढंग से ध्वस्त कर दिया और पुलिस ने उनकी बेटी को अवैध रुप से हिरासत में रखआ। परवीन ने अदालत से जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त किये गये घर को बनवाने और तब तक सरकारी आवास मुहैय्या कराने का आदेश देने की मांग की थी।
परवीन फातिमा ने पहले 12 जून को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लेटर पिटीशन भेजी थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने इस लेटर पिटीशन को खारिज करते हुए समुचित तरीके से याचिका दाखिल करने को कहा था। इस पर जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा ने समुचित याचिका की दायर की थी, जिस पर 28 जून को दो सदस्यीय न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति सैयद बैज मियां की पीठ में सुनवाई हुई थी। प्रदेश सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल अजय कुमार मिश्रा पेश हुए थे, जिन्होने सरकार का पक्ष रखा था। हाईकोर्ट की पीठ ने योगी सरकार को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटों के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
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इस याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। कोर्ट में सरकार की ओर अधिवक्ता कमलकांत राय, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और पीडीए के अधिवक्ता रविकांत हाजिर हुए और उन्होने जवाब दाखिल करते हुए अटाला हिंसा के मास्टर माइंड जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा के नाम घर का ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को नियमानुसार और वेध बताया। इस पर अदालत ने याची पक्ष के अधिवक्ता को प्रत्युत्तर देने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तिथि निर्धारित है।