UTTRAKHAND BASANTOTSAV 2025: उत्तराखंड में बसंतोत्सव 2025 का भव्य आगाज, फूलों से सजा राजभवन, आम जनता के लिए खुले द्वार
UTTRAKHAND BASANTOTSAV 2025: उत्तराखंड में बसंतोत्सव 2025 का भव्य आगाज हो गया है, जिसमें तीन दिनों तक आम जनता के लिए राजभवन के द्वार खोल दिए गए हैं। इस उत्सव के दौरान लोग राजभवन परिसर में रंग-बिरंगे फूलों की दुनिया का दीदार कर सकते हैं। पूरे परिसर को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है, जिससे वहां एक अद्भुत प्राकृतिक नजारा देखने को मिल रहा है। यह उत्सव उत्तराखंड की समृद्ध जैव विविधता और फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है, जहां लोग न केवल फूलों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं, बल्कि बागवानी और उद्यान विज्ञान से जुड़ी विभिन्न प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं का भी हिस्सा बन सकते हैं।
UTTRAKHAND BASANTOTSAV 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बसंतोत्सव 2025 की भव्य शुरुआत हो गई है। शुक्रवार, 7 मार्च 2025 से उत्तराखंड राजभवन के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए गए हैं, जहां अगले तीन दिनों तक लोग प्राकृतिक सुंदरता और रंग-बिरंगे फूलों की अद्भुत दुनिया का आनंद ले सकते हैं। हर साल की तरह इस बार भी बसंतोत्सव का आयोजन भव्य तरीके से किया गया है, जिसमें फ्लोरीकल्चर और हॉर्टिकल्चर (फूलों और बागवानी) से जुड़े विभिन्न संस्थानों, किसानों और स्वयं सहायता समूहों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है।
राज्यपाल ने किया बसंतोत्सव का उद्घाटन
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बसंतोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। उद्घाटन समारोह में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उद्घाटन के बाद उन्होंने राजभवन परिसर में लगे विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और फ्लोरीकल्चर व हॉर्टिकल्चर क्षेत्र में उत्तराखंड के किसानों और उद्यमियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
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तीन दिन तक चलेगा उत्सव, सुबह से शाम तक खुला रहेगा राजभवन
उत्तराखंड राजभवन के द्वार तीन दिनों तक सुबह से शाम तक जनता के लिए खुले रहेंगे।
7 मार्च 2025 को पहला दिन था, जिसमें दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक आम लोगों को राजभवन में प्रवेश की अनुमति दी गई।
8 और 9 मार्च 2025 को लोग सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक यहां आकर फूलों की रंगीन दुनिया का आनंद ले सकते हैं।
यहां आने वाले दर्शकों को न केवल उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक विविधता देखने को मिलेगी, बल्कि वे स्थानीय उत्पादों और कृषि तकनीकों से भी परिचित हो सकेंगे।
188 से ज्यादा संस्थानों और 26 सरकारी विभागों ने लगाए स्टॉल
राजभवन परिसर में उत्तराखंड उद्यान विभाग द्वारा आयोजित इस बसंतोत्सव में 26 राजकीय विभागों और 188 से अधिक निजी संस्थाओं ने भाग लिया है।
कृषि, बागवानी और फ्लोरीकल्चर से जुड़े उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान उत्पादक संगठन (FPO), निजी कंपनियों और समाजसेवी संस्थाओं को स्टॉल लगाने का अवसर दिया गया है।
विशेष रूप से उन कंपनियों को भी स्थान मिला है, जो कृषि और फ्लोरीकल्चर उत्पादों की प्रोसेसिंग में कार्यरत हैं।
उत्तराखंड उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक रतन कुमार ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य फ्लोरीकल्चर और हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देना है, जिससे उत्तराखंड में इस क्षेत्र में और अधिक विकास हो सके।
कल्ट फ्लावर कंपटीशन: महिलाओं और दिव्यांग उत्पादकों के लिए विशेष अवसर
बसंतोत्सव में हर साल की तरह इस बार भी कल्ट फ्लावर कंपटीशन आयोजित किया गया है।
इस वर्ष प्रतियोगिता को 14 कैटेगरी में विभाजित किया गया है।
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महिला उत्पादकों के लिए अलग से प्रदर्शनी और प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
इस प्रतियोगिता को दो मुख्य वर्गों में बांटा गया है:
ट्रेडिशनल कैटेगरी: इसमें वे जिले शामिल किए गए हैं जहां फ्लोरीकल्चर लंबे समय से प्रचलित है और काफी उन्नत स्तर पर किया जाता है।
नॉन-ट्रेडिशनल कैटेगरी: इसमें उत्तराखंड के सभी पर्वतीय जिलों को शामिल किया गया है, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में भी फ्लोरीकल्चर को प्रोत्साहन मिल सके।
इस बार लिलियम फूल को भी प्रतियोगिता में शामिल किया गया है, जिससे इस आयोजन की भव्यता और बढ़ गई है।
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दिव्यांग उत्पादकों के लिए विशेष प्रतियोगिता
उत्तराखंड उद्यान विभाग द्वारा पिछले वर्ष से ही दिव्यांग पुष्प उत्पादकों के लिए विशेष प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
बसंतोत्सव में आकर्षण का केंद्र बनी ये प्रतियोगिताएं
हैंगिंग पॉट्स प्रतियोगिता: जहां प्रतिभागी अपनी रचनात्मकता से सजाए गए सुंदर फूलों के हैंगिंग गार्डन प्रस्तुत कर रहे हैं।
बोनसाई प्रतियोगिता: इसमें छोटे-छोटे पौधों को विशिष्ट आकार देकर सजाने की कला का प्रदर्शन किया जा रहा है।
कट फ्लावर प्रतियोगिता: जिसमें विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
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उत्तराखंड में फ्लोरीकल्चर और हॉर्टिकल्चर को मिलेगा बढ़ावा
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में फूलों और बागवानी की खेती को प्रोत्साहित करना है।
राज्य सरकार फ्लोरीकल्चर और हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चला रही है।
इस आयोजन से न केवल स्थानीय किसानों और उत्पादकों को अपनी उपज को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें नई तकनीकों और व्यापार के अवसरों की जानकारी भी मिलेगी।
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