वाराणसी: सीनियर डिवीजन कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर टीम ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन को समय देने की मांग को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट कमिश्नर टीम 19 मई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी। सीनियर डिवीजन कोर्ट द्वारा गठित किये गये कोर्ट कमिश्नर की टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का काम निर्धारित समय सीमा 14 मई से 16 मई के बीच ही पूरा कर लिया था, लेकिन सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में समय लग रहा है। इस वजह से सीनियर डिवीजन कोर्ट में मंगलवार को निर्धारित तिथि 17 मई को सर्वे रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी थी।
इसके साथ ही कोर्ट में एक और अर्जी देकर मांग की है कि अभी सर्वें के कई पहलु अधूरे हैं, कुछ और भाग के सर्वे किया जाने की आवश्यकता है। इस पर अदालत ने दूसरे पक्ष से अपनी आपत्ति दाखिल करने को कहा है, ताकि दोनों पक्षों के दावों का सुनने के बाद निर्णय लिया जा सके।
कोर्ट कमिश्नर टीम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट कमिश्नर की टीम ने तीन दिन तक ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे किया, जिसे सोमवार पूर्वांह्व पूरा कर लिया गया था, लेकिन सर्वे रिपोर्ट का ड्राफ्ट तैयार करने में समय लगा रहा। सर्वे को दौरान हुई सैकड़ों घंटो की वीडियो रिकार्डिंग, हजारों फोटोग्राफ और हिन्दू धर्म से संबंधित चिन्हों, पत्थरों, प्रतीकों की पुरातत्व विभाग के शिलालेखों के अनुसार जांच-परखने में समय लगने से रिपोर्ट तैयार करने में देरी हो रही है।
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सिविल जज (सीनियर डिवीजन कोर्ट ) रवि कुमार दिवाकर ने अपना फैसला सुनाते हुए सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन को समय देने की मांग मान ली। अब विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे, जबकि सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में उनका सहयोग करेंगे।
उधर इस मामले में आज महिला वादी मंजू व्यास,सीता साहू और रेखा पाठक की ओर से अधिवक्ता सुजीत त्रिपाठी ने एक नयी अर्जी लगाई गयी, जिसमें कोर्ट से मस्जिद परिसर में शिवलिंग के चारों तरफ की दीवार हटाने, मस्जिद की पश्चमी दीवार के पास बंद कमरे को खुलवाने और वहां पड़े मलबे को हटवाने की मांग की गयी है। अदालत ने इस अर्जी की मुस्लिम पक्ष से आपत्ति मांगी गयी है। अदालत ने इस अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए बुधवार की तिथि निर्धारित की गयी है।