वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सोमवार को को जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश के न्यायालय में मामले की पोषणीयता को लेकर चल रही सुनवाई में हिन्दू पक्ष की ओर से वादी संख्या-1 राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौड ने अपनी दलीलें रखी, उन्होने दो घंटे से अधिक समय पर अपने तर्क रखे, जबकि इस मामले में अन्य चार महिला वादकारियों के अधिवक्ता व मुस्लिम पक्ष के वकील अपने तर्क अदालत में पहले ही रख चुके हैं। इस केस में कल मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
15 जुलाई को हिंदू पक्ष की तरफ से वादी संख्या 2 से लेकर 5 तक वादी सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में अपनी दलीलें खत्म की थी, जबकि इससे पहले मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव व अन्य वाद में वर्णित 51 बिन्दुओं पर अपनी दलीलें पेश की थीं।
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आज राखी सिंह के ओर से अधिवक्ता शिवम गौड ने अदालत में अपना पक्ष रखा। शिवम गौड ने अदालत में करीब 361 पेजों की लिखित बहस और सौ फैसलों की प्रति अदालत के समक्ष रखी। गौड ने अदालत को बताया कि 1993 तक उस स्थान के रिलिजियस करेक्टर हिन्दू प्लेस आफ वर्शिप था। इसलिए 1991 एक्ट के तहत उनका मामला बाधित नहीं होता।
उन्होंने अदालत में बीस मामले के फैसलों की प्रति देते हुए कहा कि उनका मामला केवल मां श्रृंगार गौरी की पूजा करने के अधिकार देने से संबंधित है, न कि वक्फ की जमीन के संबंध में है। अदालत में अगली सुनवाई मंगलवार की भी जारी रहेगी।