Bijnor Latest News Update: गुलदार के आतंक से बिजनौर बौखलाया, अब तक 19 लोगों को मारा…
Bijnor Latest News Update: इन दिनो बिजनौर में गुलदार के आतंक से लोगों का जीना मुहाल हो चला है। आए दिन गुलदार जानवरों से लेकर इंसानों पर हमले व शिकार करने से बाज़ नहीं आ रहा है। वन विभाग की लाख कोशिशो के बावजूद गुलदार की बढ़ती आबादी से वन विभाग के अफ़सरों के पसीने छूट रहे हैं। उसके बावजूद गुलदार आए दिन ज्यादातर किसानों का शिकार कर रहा है जानलेवा हमले कर रहा है गुलदार के खौफ के मारे जंगलों के रास्तों पर सन्नाटा पसरा है किसान के हमले के बाद गेहूं की लहलहाती फसलों को काटने से किसान कतरा रहे हैं। पिछले साल 17 जनवरी 2023 को पहला शिकार किया था। आए दिन शिकार से अब तक 19 लोगों की जाने जा चुकी हैं जबकि 50 से ज्यादा लोगों पर गुलदार अटैक कर चुका है।
जनपद बिजनौर में यूं तो गुलदार ने पिछले साल 17 जनवरी 2023 को पहला शिकार किया था उसके बाद पूरा शहर बिजनौर गुलदार के खौफ के मारे दहशत में जीने को मजबूर हो चला है गुलदार के आए दिन शिकार से अब तक 19 लोगों की जाने जा चुकी हैं जबकि 50 से ज्यादा लोगों पर गुलदार अटैक कर चुका है ताजा तरीन मामला उस वक्त सामने आया जब बिजनौर से सटे फरीदपुर सदीरन गांव के जंगल में विपिन कुमार नाम का किसान जंगल से होकर गुजर रहा था कि इसी दौरान घात लगाए बैठे गुलदार ने विपिन पर हमला कर दिया शोर मचाने पर घायल विपिन को गुलदार ने छोड़ दिया ।
गुलदार ईंख में छुप गया। ग्रामीण का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही की वजह से आए दिन गुलदार लोगों पर हमले करने से बाज़ नहीं आ रहा है वन विभाग की टीम ने भले ही ईंख के खेत मे चारों तरफ जाल व पिंजरा लगा दिया है लेकिन सब बेकार है क्योंकि जब तक गुलदार नहीं पकड़ा जाएगा तब तक गुलदार लोगों पर हमला करता रहेगा। गुलदार आए दिन ज्यादातर किसानों का शिकार कर रहा है जानलेवा हमले कर रहा है गुलदार के खौफ के मारे जंगलों के रास्तों पर सन्नाटा पसरा है किसान के हमले के बाद गेहूं की लहलहाती फसलों को काटने से किसान कतरा रहे हैं ।
गुलदार के हमले के बाद पूरा गांव दहशत में है। जंगलों की कच्ची सड़के दिन में ही सुनसान पड़ी है। गेहूं की लहलहाती फसले भी किसान काटने से कतरा रहे हैं ।वन विभाग के अफ़सरों का कहना है कि गुलदार की आबादी बढ़ने व ईंख के खेत में रिहायशी की वजह से गुलदार हमले कर रहा है समय-समय पर गांव वालों पर ग्राम प्रधान के जरिए जागरूक भी किया जाता है जंगलों में वाटर होल को पानी से भरा जा रहा है ताकि जंगली जानवर रिहायशी इलाकों की ओर रुख न कर सके।