वाराणसी: जिला एवं सत्र न्यायालय के जज डॉ एके विश्वेश की अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी-मस्जिद मामले में हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा अब तक दिये गयी दलीलें के संबंध में तर्कों के साथ अपनी दलीलें पेश की। इस दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कई बिन्दुओं की आपत्ति भी की गयी, लेकिन विष्णु शंकर जैन की दलीलें के सामने विपक्ष के अधिवक्ता ज्यादा देर नहीं टिक सके। आज अदालत में करीब दो घंटे तक सुनवाई चली।
इससे पहले जिला जज की अदालत में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से एक अर्जी देकर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन पर कई तरह के आरोप लगाकर को इस मामले से हटाने की मांग की गयी। मंगलवार को भी राखी सिंह की ओर से भी इसी तरह की याचिका दी गयी थी। अदालत ने इस अर्जी पर दूसरे पक्ष पर आपत्ति दाखिल करने को कहा गया। इसके बाद ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में दी गयी याचिका की पोषीयता तय करने संबंधी सुनवाई हुई।
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज अदालत में हिन्दू देवी देवताओं की प्रतिमाओं, मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा, मंदिर की परिधि, स्वंभू देवता आदि के बारे में विस्तृत तथ्यात्मक जानकारी दी और इससे संबंधित तमाम कानूनी पहलुओं को अदालत के समक्ष रखा। बृहस्पतिवार को भी होने वाली सुनवाई में हिन्दू पक्ष की दलीलें जारी रहेंगीं।
मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से 51 बिन्दुओं पर अपनी दलीलें पूरी की जा चुकी हैं। मुस्लिम पक्ष की कोशिश है कि अदालत द प्लेस आफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजन्स) एक्ट 1991 लागू न होने की बात मानकर इस याचिका को खारिज कर दे, जबकि याचिकाकर्ता सीता साहू, रेखा यादव, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास के अधिवक्ताओं ने अदालत में अपने दावे के समर्थन में कानूनी दस्तावेजों को प्रस्तुत किया है, उससे मुस्लिम पक्ष को अपना पक्ष बहुत कमजोर नजर आ रहा है।