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Happy Guru Poornima 2022: गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर लें गुरु का आर्शीवाद, जानें इस दिन का क्या है महत्व ?

नई दिल्ली: आज का दिन हर गुरु और शिष्य के लिए सबसे खास दिन होता है. क्योंकि शिष्य के बिना गुरु अधूरे है और गुरु के बिन शिष्य अधूरा है. दोनों का अपनी-अपनी जगह स्पेशल महत्व होता है. आषाण मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन गुरुओं की पूजा का बहुत ही खास महत्व होता है. हिंदू धर्म में महर्षि वेदव्यास को प्रथन गुरु का दर्जा दिया गया है. ऐसे मे इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. 

आज 13 जुलाई 2022 को गुरू पूर्णिमा है. इस दिन गुरुओं का खास मान-सम्मान किया जाता है. बताया जाता है कि इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. इस दिन गुरुओं का पूजन किया जाता है. लेकिन अगर आपका कोई गुरु नहीं है तो इस दिन भगवान शंकर और भगवान कृष्ण को गुरु मानकर उनकी पूजा कर सकते हैं. इस दिन गुरुजनों का आभार व्यक्त कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. गुरु पूर्णिमा का पर्व आज बहुत ही शुभ संयोग में मनाया जा रहा है. आज के दिन यदि सुबह-सुबह ये चीजें दिख जाएं तो इनका संकेत बहुत ही शुभ होता है.

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गुरु पूर्णिमा के दिन यदि सपने में अपने गुरु के दर्शन होते हैं तो ये बहुत ही शुभ संकेत है. इसका अर्थ ये है कि आप पर गुरु की कृपा बनी हुई है और गुरु के मार्ग दर्शन तथा शिक्षा से किसी बड़े कार्य को पूर्ण करेंगे. इस दिन घर की साफ-सफाई करने के बाद, नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए. किसी साफ-स्वच्छ स्थान या पूजा करने के स्थान पर एक सफेद कपड़ा बिछाकर व्यास पीठ का निर्माण करें और वेदव्यास जी की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें. इसके बाद वेदव्यास जी को रोली, चंदन, फूल, फल और प्रसाद आदि अर्पित करें. आज के दिन वेदव्यास जी के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य जैसे गुरुओं का भी आह्रान करना चाहिए.

गुरु पूर्णिमा के दिन घर की नार्थ ईस्ट दिशा में घी का दीपक जरूर जलाएं. उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाएं ताकि आपके घर में खुशहाली बरकरार रहें.  गुरु पूर्णिमा के  दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करें. पूजा के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को नारियल, पीले फल और पीली मिठाई का भोग लगाएं. ध्यान रखें कि पूजन सामग्री में तुलसी दल (तुलसी के पत्ते) जरूर रखें. भोग लगाने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें और प्रार्थना करें. इसके बाद भोग को 11 गरीबों को बांट दें.

गुरु पूर्णिमा- 13 जुलाई, बुधवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 13 जुलाई,2022 सुबह 4 बजकर 01 मिनट से

पूर्णिमा तिथि का समापन- 14 जुलाई,2022 रात्रि 12 बजकर 08 मिनट पर

अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं या आपके आपके पेपर्स आने वाले हैं तो गुरु पूर्णिमा के दिन अपनी किताब के पहले पेज पर लाल रोली से  स्वास्तिक का चिह्न बनाएं, उसके बाद अपनी इच्छा लिखकर इस किताब को मां सरस्वती देवी के पास रख दें. मां सरस्वती को ज्ञान की सबसे बड़ी देवी माना जाता है. गुरु पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। इस अवसर पर गंगा मैया के जयकारों से तीर्थ नगरी गूंज उठी। 

गुरु पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।

1: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:।

2: ॐ बृं बृहस्पतये नम:।

3: ॐ गुं गुरवे नम:।

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