वाराणसी: जिला एवं सत्र न्यायालय के जज डॉ एके विश्वेश की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी-मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने आर्डर 7 रुल, 11 के तहत अपनी दलीलें रखीं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि प्रस्तुत वाद पोषणीय नहीं है, लेकिन हिन्दू पक्ष इसे पोषीय बताते हुए इस पर विधिवत सुनवाई चाहता है।
आज अदालत में करीब चार घंटे तक सुनवाई हुई। इस सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभयनाथ यादव अपनी दलीलें पूरी कीं, जबकि हिन्दू पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन महज दस बिन्दुओं पर ही अपना पक्ष रख सके। जैन कल होने वाली सुनवाई में बाकी बिन्दुओं पर अपनी दलीलें देंगे। माना जा रहा है कि हिन्दू पक्ष की दलीलें भी दो दिन में पूरी होंगी। इसके बाद ही अदालत वाद की पोषीयता के संबंध में कोई फैसला दे सकता है।
मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने हिन्दू पक्ष की अर्जी पर दिये गये 51 बिन्दुओं अपनी दलीलें रखीं। इससे पहले 4 जुलाई को भी मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं थी, लेकिन वह अपना बात पूरी नहीं कर सका था। अब मुस्लिम पक्ष द्वारी दी गयी दलीलें पर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता अपनी दलीलें अदालत में पेश कर रहे हैं।
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इस मामले में मुस्लिम पक्ष शुरु से ही द प्लेस आफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजन्स) एक्ट 1991 का हवाला देते हुए श्रृंगार गौरी की पूजा करने के अधिकार संबंधी अर्जी खारिज किये जाने की मांग करता रहा है, जबकि याचिकाकर्ता सीता साहू, रेखा यादव, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास के अधिवक्ता विष्णु जैन ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करना वैधानिक धार्मिक अधिकार होने की दलील देकर उन्हें नियमित पूजा की अनुमति दिये जाने की मांग कर रहे हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण लेकर 11 जुलाई को हिन्दू पक्ष ने श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है। यह ट्रस्ट इस मामले की सुनवाई में होने वाले खर्च को वहन करने के साथ-साथ केस की मजबूती के के साथ लड़ेगा। मलदहिया विवेकानगर कालोनी में ट्रस्ट के उद्घाटन अवसर पर ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की वादी महिलाएं सीता साहू, रेखा यादव, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास और उनके अधिवक्ता हरिशंकर जैन व सोहनलाल आर्य भी उपस्थित थे।