Haldwani Air Pollution: दीपावली पर वायु प्रदूषण पर नजर रखने के लिए हल्द्वानी में सख्त निगरानी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने की तैयारियां
Haldwani Air Pollution: Strict monitoring in Haldwani to keep an eye on air pollution on Diwali, Pollution Control Board made preparations
Haldwani Air pollution: हल्द्वानी में दीपावली पर होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और शहर की हवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त कदम उठाए हैं। दीपावली का पर्व आमतौर पर भारी मात्रा में पटाखों के फोड़ने और उनसे होने वाले धुएं के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि का समय होता है। इस बार प्रदूषण को लेकर विशेष तैयारी की गई है, जिसमें क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए विशेष उपकरण स्थापित किए हैं।
वायु गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक, अनुराग नेगी ने बताया कि वायु प्रदूषण पर सटीक निगरानी और सैंपलिंग के लिए हल्द्वानी और नैनीताल में दो विशेष मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों के माध्यम से दीपावली के पहले और बाद एक सप्ताह तक वायु की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, हल्द्वानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 94 पर है, जबकि नैनीताल का AQI 61 है। दीपावली के समय इस स्तर में बड़ी वृद्धि की आशंका होती है, इसलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कड़ी निगरानी के निर्देश जारी किए हैं।
पिछले साल दीपावली के समय हल्द्वानी का AQI 223 तक पहुंच गया था, जो कि बेहद खतरनाक स्तर था। नैनीताल का AQI 143 पर दर्ज किया गया था, जो प्रदूषण के उच्च स्तर की ओर इशारा करता है। इस बार प्रशासन की कोशिश है कि इन आंकड़ों को कम किया जाए और दीपावली का पर्व सुरक्षित रूप से मनाया जा सके।
वायु गुणवत्ता के लिए मानक और उनका महत्व
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वायु गुणवत्ता को मापने के लिए मानक स्थापित करता है, जो प्रदूषण के विभिन्न स्तरों को दर्शाता है। AQI को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
0-50: अच्छी गुणवत्ता, स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं। 51-100 : संतोषजनक, संवेदनशील लोगों के लिए हल्का प्रभाव। 101-200 : औसत, सांस की बीमारी वाले लोगों को परेशानी हो सकती है। 201-300 : खराब, अधिकांश व्यक्तियों को सांस लेने में समस्या। 301-400 : बहुत खराब, स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव। 401-500 : अत्यंत गंभीर, सांस संबंधी गंभीर समस्याएं।
यह मानक यह स्पष्ट करते हैं कि दीपावली के समय में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से किस प्रकार के स्वास्थ्य खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए नागरिकों को सचेत करने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए AQI की लगातार निगरानी आवश्यक है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सावधानियां और योजनाएं
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे पटाखों का उपयोग कम से कम करें और पर्यावरण-अनुकूल पटाखों का चयन करें। बोर्ड की तैनात मशीनें वायु प्रदूषण की सटीक सैंपलिंग कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दीपावली के दौरान और बाद में वायु की गुणवत्ता में गिरावट न हो। साथ ही, प्रशासन ने जागरूकता अभियान की भी योजना बनाई है, जिसमें लोगों को वायु प्रदूषण के खतरों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण न केवल सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है, बल्कि हृदय रोगों, आंखों में जलन, और त्वचा की समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। यही कारण है कि इस बार बोर्ड ने विशेष सावधानी बरती है और सख्त निगरानी कर रहा है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारियां और जिम्मेदार नागरिकता की अपील
हल्द्वानी और नैनीताल प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे दीपावली का त्योहार मनाते समय अपने पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखें। प्रशासन द्वारा नागरिकों को आगाह किया जा रहा है कि वे अत्यधिक धुएं वाले पटाखों का उपयोग न करें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थलों पर आतिशबाजी के आयोजन को सीमित रखने की भी सलाह दी गई है।
स्थानीय प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से क्षेत्रीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, ताकि लोग पर्यावरण के प्रति अधिक संवेदनशील बनें। इन कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों, समाजसेवी संगठनों, और आम नागरिकों को शामिल किया जा रहा है, ताकि दीपावली के दौरान प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।
दीपावली पर प्रदूषण नियंत्रण में सभी की भागीदारी आवश्यक
यह सुनिश्चित करना कि दीपावली का उत्सव सभी के लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यकर हो, न केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि इसमें प्रत्येक नागरिक की भागीदारी भी आवश्यक है। सही तरीके से पटाखों का उपयोग करना, पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का चयन करना, और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना सभी के हित में है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस पहल को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत है। सभी की भागीदारी और सहयोग से ही दीपावली का त्योहार आनंद और स्वास्थ्य के साथ मनाया जा सकता है