Haryana News: हरियाणा में 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों को कथित रूप से भ्रष्ट घोषित करने वाली एक गोपनीय सूची सार्वजनिक होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। अब यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है, जहां अदालत ने इस लीक को गंभीर मानते हुए हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह में यह स्पष्ट करे कि सूची लीक करने के लिए कौन जिम्मेदार है और अब तक क्या कार्रवाई की गई है।
चार्जशीट की तैयारी, लेकिन हाई कोर्ट में चुनौती
इस विवादित सूची के आधार पर राजस्व विभाग के करीब 125 तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और अन्य अधिकारियों को चार्जशीट करने की मंजूरी दी जा चुकी है। इन पर आरोप है कि इन्होंने नियमों को दरकिनार कर अवैध रूप से जमीन की रजिस्ट्रियां कीं। वहीं, पटवारियों और निजी व्यक्तियों के नाम सूची में आने पर प्रभावित लोग हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं।
याचिकाकर्ता का दावा: सूची ने मौलिक अधिकारों का हनन किया
हाई कोर्ट में पेश याचिका में वकील साहिबजीत सिंह संधू ने दलील दी कि बिना किसी जांच या सुनवाई के इस तरह किसी को भ्रष्ट कहना उसके अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार) का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह सूची मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित हुई, जिससे संबंधित व्यक्तियों की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हुआ है।
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सरकार का पक्ष और कोर्ट की सख्ती
हरियाणा सरकार ने स्वीकार किया है कि यह सूची विभाग का गोपनीय दस्तावेज था, लेकिन उसने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। सरकार ने यह भी कहा कि वह अभी जांच कर रही है कि यह सूची कैसे लीक हुई। साथ ही सरकार ने यह याचिका खारिज करने की मांग की है, यह कहते हुए कि याची न तो पटवारी संघ का सदस्य है और न ही सूची से सीधे प्रभावित है।
याचिकाकर्ता की मांग: जांच और प्रतिबंध
याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया कि:
इस सूची को सार्वजनिक डोमेन से तुरंत हटाया जाए।
इसके आगे किसी भी प्रकार के प्रकाशन या प्रसारण पर रोक लगाई जाए।
लीक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की स्वतंत्र जांच कर जिम्मेदारी तय की जाए।
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अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद
सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर हाई कोर्ट ने सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। अब सभी की निगाहें सरकार की अगली कार्यवाही और अदालत के फैसले पर टिकी हैं।
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