Higher Education Reform: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को मिलेगा नया आयाम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रमों में हो रहे व्यापक सुधार
उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में व्यापक सुधार की तैयारी चल रही है। विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर विषयवार बदलावों का खाका तैयार कर लिया गया है। नए सत्र से छात्रों को कौशल आधारित और प्रायोगिक शिक्षा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।
Higher Education Reform: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को रोजगारपरक और कौशल आधारित बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार पाठ्यक्रमों में व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं। इस दिशा में प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने मिलकर कई शैक्षणिक विशेषज्ञों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और विभिन्न क्षेत्रों के जानकारों से राय-मशविरा कर एक ठोस रूपरेखा तैयार की है, जिसे नए सत्र से लागू किए जाने की संभावना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर तैयार हो रहा है पाठ्यक्रम सुधार
प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उच्च शिक्षा को महज किताबी ज्ञान तक सीमित न रखते हुए छात्रों के व्यावहारिक और तकनीकी कौशल को भी समान रूप से विकसित किया जाएगा। इसके लिए एप्लीकेशन बेस्ड, प्रोजेक्ट बेस्ड और प्रयोगात्मक शिक्षा मॉडल को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र सिर्फ डिग्री प्राप्त न करें, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन में भी उसकी उपयोगिता समझ में आए।
विशेषज्ञों की सहभागिता से हुआ गहन मंथन
इस परिवर्तन की प्रक्रिया में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने एक वृहद विचार-विमर्श और परामर्श प्रक्रिया अपनाई। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद, विषय विशेषज्ञ और नीति निर्माण से जुड़े अधिकारी इस मंथन में शामिल हुए। प्रत्येक विषय पर विषयवार चर्चा आयोजित की गई, जिसके बाद एक विस्तृत खाका तैयार किया गया। यह खाका मौजूदा पाठ्यक्रम में किस प्रकार और किन स्तरों पर बदलाव किया जाना है, इसे स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
विशेष बात यह रही कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समन्वयक भी इस प्रक्रिया में शामिल रहे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि तैयार किया गया ड्राफ्ट नीति के अनुरूप हो।
पाठ्यक्रम को कौशलपरक और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में प्रयास
शासन की मंशा स्पष्ट है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययनरत छात्रों को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जाए। इसके तहत न केवल सैद्धांतिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कौशल विकास, नवाचार, उद्यमिता और डिजिटल दक्षता जैसे पहलुओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिन विषयों की पढ़ाई अभी तक केवल किताबों और परीक्षाओं तक सीमित थी, अब उन्हें वास्तविक जीवन की समस्याओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इससे छात्र अधिक सक्षम बनकर उच्च शिक्षा के बाद आसानी से रोजगार या स्वरोजगार के क्षेत्र में कदम रख सकेंगे।
ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी
फिलहाल तैयार किए गए पाठ्यक्रम सुधार ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। इसे अंतिम मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 से नए पाठ्यक्रमों को लागू कर दिया जाएगा। इससे प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा मिलेगी और छात्र तकनीकी रूप से अधिक दक्ष हो सकेंगे।
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मंत्री धन सिंह रावत ने जताई प्रतिबद्धता
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत लगातार यह बात दोहराते रहे हैं कि राज्य में पढ़ाई महज डिग्री तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि वह छात्रों को आजीविका अर्जन के लिए भी सक्षम बनाए। उनके अनुसार, “नई शिक्षा नीति के अंतर्गत चल रहे पाठ्यक्रम सुधारों से उत्तराखंड के छात्र तकनीकी और व्यावसायिक रूप से और भी मजबूत होंगे।”
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