Artificial Intelligence: ChatGPT के आने के बाद से AI के कारनामे प्रतिदिन सुनने को मिलते हैं. इनमें आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) की खूबियों और कमियों दोनों का पता चलता है.
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आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) की काबिलियत को और बेहतर तरीके से ChatGPT के द्वारा समझाया गया है. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) बेसिक कमांड समझने से काफी आगे पहुंच चुका है. यह अब विचार कर सकता है, इन्फॉर्मेशन जनरेट कर सकता है और परेशानियों भी सुलझा सकता है. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) केवल इतना ही नहीं कर सकता. बल्कि आने वाले वक्त में यह और भी ज्यादा ताकतवर होगा. इस बीच एक्सपर्ट्स ने artificial intelligence से खतरे की चिंता जताई है.
अधिकतर लोगों का कहना है artificial intelligence आने वाले वक्त में खतरनाक हो सकता है. इसका गलत तरीके से प्रयोग भी किया जा सकता है. एलन मस्क (elon musk), एप्पल (apple) के को-फाउंडर स्टीव वोजनियाक (steve wozniak) समेत कई दिग्गजों ने एडवांस आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) पर रोक लगाने की मांग की है. इनका कहना है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को लेकर कड़े प्रोटोकॉल (protocoal) बनाए जाने चाहिए. वहीं Joe Biden ने भी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर चिंता जताई है.
अब सवाल उठता हैं कि इंसानों को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) से किस तरीके का खतरा हो सकता है? आज हम इस लेख के जरिए 5 बड़े नुकसानों के बारे में बता रहे हैं, जो artificial intelligence के कारण हो सकते हैं.
गलत जानकारी फैलने का रिस्क
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस AI चैटबॉट काफी कम वक्त में आपको किसी भी मुद्दे पर लंबी चौड़ी डिटेल बता देते हैं. इंसानों की तुलना में इस काम में AI की गति बहुत तेज होती है. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस AI का ये फीचर पूरी दुनिया में चल रही फेक न्यूज (fake news), गलत जानकारी जैसे केस में खतरनाक साबित हो सकता है. हैकर्स इसका गलत तरीके से इस्तेमाल कर गलत जानकारी फैला सकते हैं. इसका सबसे अधिक बुरा प्रभाव सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (social media platform) पर पड़ेगा.
इसके अलावा कुछ artificial intelligence प्लेटफॉर्म तस्वीरें और वीडियो भी जनरेट सकते हैं. फेक न्यूज फैलाने के लिए इनका काफी शातिर तरीके से प्रयोग किया जा सकता है.
AI से बढ़ेगी बेरोजगारी
AI के कारण से जो अगली परेशानी आएगी, वो है बेरोजगारी. बता दें कई कंपनियों में स्मार्ट वर्क के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग होना भी शुरू हो चुका है. जिसके बाद अब कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनियां कर सकती हैं. फिलहाल डेटा एंट्री (data entry), बुक-कीपर (book keeper), ट्रांसलेटर (translater), कस्टमर केयर (costumer care), कॉपी राइटिंग (copy writing) और सोशल मीडिया मैनेजर्स (social media managers) की नौकरियों पर सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है. रिपोर्ट की मानें तो artificial intelligence करीब 300 मिलियन लोगों की नौकरी छीन सकता है.
सिक्योरिटी का डर
साल 2020 की रिपोर्ट में साइबर सिक्योरिटी (cyber security) के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) से सहायता लेने की बात कही गई थी. जिसमें कहा गया कि AI इंसानों की तुलना में तेजी से बड़े खतरों का पता लगा सकता है. यानि की AI इंसानों की सिक्योरिटी के बारे में खुद समझेगा और इसे पर नियंत्रण करने के तरीके भी खुद ही ढूंढे लेगा. इस कदर AI पर निर्भर रहना भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
आपको बता दें सिक्योरिटी के डर के कारण से इटली ने ChatGPT पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद अब जर्मनी (germany) भी AI चैटबॉट पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है.
प्राइवेसी का खतरा
जानकारी के मुताबिक आपको बता दें बीतें दिनों artificial intelligence की बग की वजह से ChatGPT की सर्च हिस्ट्री (search history) लीक हो गई थी. इस प्रकार का खतरा आगे भी बना रहेगा. कंपनियों के पास यूजर्स (users) का ढेर सारा डेटा होता है. ऐसे में AI यूजर्स के पैटर्न को कॉपी करने और विज्ञापनों के लिए डेटा का गलत प्रयोग करके उनका नकली प्रोफाइल भी बना सकता है. अब आप सोच सकते है ये आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है.
डिफेंस एरिया में भी आएगी दिक्कत
आज के वक्त में मिलिट्री (militory) में प्रयोग होने वाली कई मशीनें जैसे- मिसाइलों, ड्रोन को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के द्वारा कंट्रोल किया जाता है. फिलहाल AI को दी जाने वाली कमांड फिक्स हैं, लेकिन आने वाले वक्त में इसकी ताकत और भी ज्यादा बढेंगी. नई टेक्नोलॉजी (technology) के साथ अगले कुछ सालों में इंसानों की कमांड के बिना ही आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस फैसले लें सकेगा. इससे समस्या बढ़ सकती हैं.