धर्म-कर्म

कब है भाद्रपद पूर्णिमा? दिए गए उपायों से पितर सहित माता लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न

Bhadrapad Purnima 2023 Date: इस बार भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima) के दिन बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही इस बार पूर्णिमा तिथि 2 दिन रहने वाली है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कब रखा जाएगा भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत और माता लक्ष्मी और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आजमाएं (Bhadrapada Purnima Upay) ये उपाय।

Bhadrapada Purnima

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पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में अधिक महत्व है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष आरंभ हो जाता है। इसलिए भाद्रपद ही पूर्णिमा और भी अधिक महत्वपूर्ण बन जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इस बार भाद्रपद पूर्णिमा तिथि के साथ ही पितृपक्ष की शुरूआत हो रही है तो ऐसे में पितृ दोष से बचने के लिए आप पितृ पक्ष के पहले दिन कुछ आसान उपाय (Bhadrapada Purnima Upay) कर सकते है। आइए जानते हैं क्या हैं वें आसान उपाय.

Bhadrapada Purnima

क्या हैं पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

आपको बता दें इस बार पूर्णिमा तिथि 28 सितंबर को शाम के समय 6 बजकर 50 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन 29 सितंबर को दोपहर में 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। साथ ही इस दिन चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे। इस दिन अनंत चतुर्दशी का शुभ संयोग भी बन रहा है। हालांकि, जो लोग पूर्णिमा का व्रत करते हैं तो उन्हें 28 सितंबर को पूर्णिमा का व्रत रखना हैं। जबकि पूर्णिमा का दान पुण्य अगले दिन यानि 29 सितंबर को रखा जाएगा।

क्या हैं पूर्णिमा के उपाय

  • पूर्णिमा तिथि (Purnima) के दिन 29 सितंबर यानि पितरों की आत्म की शांति के दिन एक कटोरी लें और उसमें गंगा जल अपने हाथ में लेकर 5 से 7 बार पितरों का नाम लें। इसके बाद थोड़ा मनन करें और फिर इस जल को किसी पौधे में डाल दें या फिर घर में छिड़क दें।
  • इसके अलावा माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पू्र्णिमा के दिन माता को लाल रंग के पुष्प और इत्र चढ़ाए। साथ ही श्री सूक्तम स्तोत्र या फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
  • इसके अलावा इस दिन अपने पितरों के नाम से किसी ब्राह्मण या गरीब मनुष्य को दान दें।
  • इसके साथ ही घर में परिवार के सदस्यों के मध्य लड़ाई झगड़ा होता है तो सावन पूर्णिमा (sawan Purnima) तिथि के दिन स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और अपने माथे पर सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
Prachi Chaudhary

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