पत्नी से वैवाहिक बलात्कार का आरोपी बन सकता है पति !
नई दिल्ली: क्या एक पति को अब अपनी पत्नी की इच्छा के विरुद्ध शारारिक संबंध नहीं बना पाएगा ! क्या एक पति को पत्नी के साथ यौन संबंधों बनाने के लिए पत्नी की सहमति लेनी होगी। क्या पति शयन कक्ष में पत्नी की इजाजत से ही उसके साथ सो सकता है। पत्नी से वैवाहिक बलात्कार के आरोप में अदालत की दंड प्रक्रिया का सामना करने वाला पति का वैवाहिक जीवन कडवाहट भरा नहीं होगा? यदि ऐसा होता है तो फिर पति-पत्नी के संबंधों को लेकर एक नई बहस शुरु होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
दरअसल यह सारी कवायद दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित एक याचिका को लेकर है। वर्ष 2017 में एक याचिका दायर की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि यदि कोई पति अपनी पत्नी के इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाता है तो इसे वैवाहिक बलात्कार की श्रेणी में माना जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने शादीशुदा महिला की यौन इच्छा अथवा अनिइच्छा को उसकी अस्मिता और सम्मान से जुड़ा होने का तर्क दिया था।
याचिका में कहा गया था कि यदि अविवाहित महिला की इच्छा के विरुद्ध शारारिक संबंध बनाने पर बलात्कार का मामला दर्ज होता है तो विवाहित महिला की इच्छा के विरुद्ध शारारिक संबंध बनाने पर पति के विरुद्ध वैवाहिक बलात्कार का मामला माना जाना चाहिए। केन्द्र सरकार इस मामले को लेकर अपने रुख से दिल्ली हाईकोर्ट को अवगत करा चुकी है।
केन्द्र सरकार ने हल्फनामा देकर कहा था कि वह सभ्य समाज के मौलिक आधार की पक्षधर है और महिलाओं की स्वतंत्रता, गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह मामला दंपत्तियों की निजता से जुड़ा है, इसलिए इसमें सख्त कानूनी दृष्टिकोण से अधिक व्यापक दृष्टिकोण अपनाये जाने की जरुरत है।
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केन्द्र सरकार ने राज्यों से भी इस मामले में अपनी राय संबंधी जबाब दाखिल करने का अनुरोध किया था, लेकिन सभी राज्यों की सरकारों ने इस मामले में चुप्पी साधते हुए कोई जबाव नहीं दिया। इस याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से फरवरी में ही सुनवाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन फैसला सुरक्षित रखा था। माना जा रहा है कि मई के दूसरे सप्ताह में इस याचिका के संबंध में अपना निर्णय दे सकता है, यदि यह फैसला महिलाओं के पक्ष में जाता है तो पति-पत्नी को संबंधों पर इसका असर पड़ना तय है।