चंडीगढ: पंजाब की विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप से वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय पोपली को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह अपनी पत्नी के साथ यहां सेक्टर-17 स्थित एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे। संजय पोपली के लिए 3.50 लाख की रिश्वत लेने वाले उनके सचिव संदीप वत्स को जालंधर से पकडा गया था। यह कार्रवाई पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी की अनुमति लेकर की गयी है। गिरफ्तार किये गये इन दोनों अधिकारियों को मोहाली की भ्रष्टाचार निरोधक मामलों की अदालत में पेश किया जाएगा।
विजिलेंस ब्यूरो की टीम के अधिकारियों के मुताबिक आईएएस अधिकारी संजय पोपली 2008 बैच का आईएएस अधिकारी हैं। वे वाटर एंड सीवेज बोर्ड के सीईओ हैं। हरियाणा के करनाल निवासी ठेकेदार संजय कुमार ने पंजाब के नवांशहर में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 7.30 करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना का ठेका लिया था। इस काम का भुगतान करने के लिए उनसे कुल राशि का दो फीसदी कमीशन मांगा गया था, लेकिन फिर बाद में वाटर एंड सीवेज बोर्ड के सीईओ संजय पोपली के सचिव संजय वत्स ने मध्यस्थता करके एक प्रतिशत कमीशन की राशि अग्रिम देने पर सारी रकम का भुगतान कराने का वादा किया था।
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ठेकेदार संजय कुमार ने आईएएस अधिकारी संजय पोपली के सचिव संदीप वत्स को 3.50 लाख रुपये दे भी दिये थे। संदीप ने यह रकम मिल जाने की सूचना संजय पोपली को दे दी थी, लेकिन पूरी कमीशन राशि दिये बैगर उसका भुगतान नहीं हो पा रहा था। कई चक्कर काटने के बाद भी भुगतान न होता देख ठेकेदार ने पहले दी गयी रिश्वत और बाकी की रकम के बारे में संदीप वत्स से की गयी बातचीत की रिकार्डिंग कर ली और इसे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के शिकायती पोस्टल पर भेज दी।
भ्रष्टाचार का यह मामला आईएएस अधिकारी से जुड़ा होने के कारण मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने पहले सारे मामले की जांच करायी और मामला सच पाये जाने पर विजिलेंस ब्यूरो को संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा। भ्रष्टाचार के मामले में आईएएस अधिकारी संजय पोपली की गिरफ्तारी से पंजाब की भ्रष्ट नौकरशाहों में अपने खिलाफ भी कार्रवाई का डर सताने लगा है।