What To Do During Heart Attack: हार्ट अटैक एक जानलेवा स्थिति है इसलिए आपको ये पता होना चाहिए कि ऐसी स्थिति में मरीज की जान कैसे बचाई जा सकती है और इसके लिए आपको क्या करना चाहिए.
हार्ट अटैक (heart attack) यानि की दिल का दौरा यह एक गंभीर इमरजेंसी स्थिति है, जो किसी को, कहीं भी और कभी भी पड़ सकता है। दिल का दौरा पड़ने पर यदि तुरंत सही फैसला लिया जाए, तो पीड़ित की जान बच सकती है.
आपको बता दें दिल का दौरा तब पड़ता है, जब दिल में ब्लड फ्लो कम या रूक जाता है। ब्लड फ्लो में रुकावट आमतौर पर धमनियों में कोलेस्ट्रॉल (cholesterol), फैट और अन्य पदार्थों के जमने के कारण होता है। धमनियों (arteries) में प्लेक के टूटने से क्लॉट (clot) बन सकते हैं और क्लॉट नसों को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है.
डॉक्टर की मानें तो, हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानकर तुरंत उपाय करने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। यही कारण है कि नीचे बताई बातें आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना
किसी शख्स को दिल का दौरा पड़ने पर उसकी मदद करने के लिए पहले हार्ट अटैक को समझने की जरूरत है। बता दें हार्ट अटैक के लक्षण हमेशा एक से नहीं होते हैं पुरुषों और महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने से पहले के संकेत अलग-अलग तरह के हो सकते हैं, जैसे महिलाओं को हार्ट अटैक पड़ने के लक्षण जैसे मितली आने, सांस फूलने (shortness of breath) या पीठ या जबड़े में दर्द होने की संभावना अधिक होती है.
Read: Health News in Hindi | News Watch India
दिल का दौरा पड़ने से पहले दिखें ये संकेत तो करें ये काम
- सबसे पहले तो घबराए नहीं
- लक्षणों के खुद चले जाने का इंतजार न करें
- तुरंत मरीज को खुद अस्पताल ले जाने प्रयास न करें
- मरीज को अकेले अस्पताल लेकर जाना आप दोनों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती हैं
हार्ट अटैक पड़े तो तुरंत क्या करें?
- दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर की मदद मिलनी जरूरी है
- हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले समय न गंवाए तुरंत इमरजेंसी सेवा को कॉल करके बुलाएं
- इमरजेंसी (emergency) सेवाओं पैरामेडिक्स (paramedics) होते हैं, जो अस्पताल के मार्ग में जीवनरक्षक इलाज कर सकते हैं
CPR का सहारा लें
CPR यानि cardiopulmonary resuscitation एक महत्वपूर्ण जीवन बचाने की तकनीक हैं, जो दिल का दौरा या कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest) के समय जान बचाने में महत्वपूर्ण रोल निभा सकती है। इससे डॉक्टर की मदद पहुंचने तक पीड़ित के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में रक्त का बहाव और ऑक्सीजन (oxygen) बनाए रखने में सहायक होते है। इसलिए फर्स्ट एड कोर्स या CPR का प्रशिक्षण सभी को दिया जाना चाहिए, ताकि इमरजेंसी में तुरंत सही कदम उठाया जा सकें.