Stock Market Decline: मध्य पूर्व तनाव का असर, कारोबारी सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद
शेयर बाजार सप्ताह के पहले दिन लाल निशान पर बंद हुआ, सेंसेक्स 511 अंक और निफ्टी 0.56% गिरा। मध्य पूर्व के तनाव, तेल की कीमतों और आईटी शेयरों में कमजोरी ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी। मेटल और कैपिटल गुड्स जैसे कुछ सेक्टरों में मजबूती जरूर रही।
Stock Market Decline: कारोबारी सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छी नहीं रही। सोमवार को बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज गिरावट देखी गई। वैश्विक स्तर पर चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, विशेष रूप से ईरान-इजराइल संघर्ष और अमेरिका की सैन्य भागीदारी ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में आई उछाल और आईटी सेक्टर में कमजोरी ने बाजार पर नकारात्मक असर डाला।
बीएसई सेंसेक्स 511 अंक टूटकर 81,896.79 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 0.56% की गिरावट के साथ 24,971.90 पर क्लोज हुआ। शुरुआती कारोबार में भी भारी गिरावट देखी गई थी। सेंसेक्स 704 अंकों की गिरावट के साथ 81,704.07 पर खुला था और निफ्टी ने भी 24,939.75 के स्तर से ट्रेडिंग की शुरुआत की थी।
किन शेयरों में दिखी हलचल?
दिनभर के कारोबार में निफ्टी पर ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी पोर्ट्स के शेयर टॉप गेनर्स रहे। इन कंपनियों में मजबूती का रुझान देखने को मिला, जिससे कुछ हद तक बाजार को सहारा मिला।
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वहीं दूसरी ओर, इंफोसिस, एलएंडटी, हीरो मोटोकॉर्प, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में कमजोरी दर्ज की गई। ये शेयर टॉप लूजर्स की सूची में रहे और बाजार की गिरावट में मुख्य भूमिका निभाई।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
सेक्टोरल स्तर पर भी मिलाजुला प्रदर्शन देखा गया। आईटी, एफएमसीजी, ऑटो और बैंकिंग सेक्टर में 0.5% से लेकर 1% तक की गिरावट रही। वैश्विक स्तर पर आईटी शेयरों में कमजोरी का प्रमुख कारण एक्सेंचर में हुई भारी बिकवाली रही, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों पर दबाव बना।
हालांकि, मीडिया, मेटल और कैपिटल गुड्स सेक्टरों में मजबूती रही और इन सेक्टरों ने 0.5% से 3.5% तक की बढ़त दर्ज की। इस दौरान बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.2% और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.6% की बढ़त के साथ हरे निशान में रहा।
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रुपया और कच्चा तेल
सोमवार को विदेशी मुद्रा बाजार में भी रुपये पर दबाव रहा। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 16 पैसे गिरकर 86.75 पर बंद हुआ। पिछले सत्र में यह 86.59 पर बंद हुआ था। डॉलर की मजबूती और तेल की कीमतों में उछाल रुपये को कमजोर कर रहे हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का सीधा असर भारतीय बाजार पर दिखा। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव, खासकर ईरान पर अमेरिकी हमले की खबरों के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतों में तेजी आई है। यह स्थिति घरेलू मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकती है और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को भी पीछे धकेल सकती है।
बाजार में गिरावट के कारण
शेयर बाजार की गिरावट के पीछे कई मुख्य कारण रहे:
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव: अमेरिका-ईरान-इजराइल संघर्ष ने वैश्विक अस्थिरता को बढ़ाया है।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें: तेल की कीमतों में तेज़ उछाल ने निवेशकों को चिंतित किया।
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आईटी शेयरों में कमजोरी: एक्सेंचर जैसी वैश्विक आईटी कंपनी में बिकवाली के असर से भारतीय आईटी कंपनियों पर भी दबाव पड़ा।
ब्याज दरों की अनिश्चितता: वैश्विक महंगाई और तेल की कीमतें फेड की नीति पर असर डाल सकती हैं, जिससे निवेशकों की धारणा कमजोर हुई।
कुल मिलाकर सोमवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रहा। भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता और सेक्टोरल दबावों ने निवेशकों की धारणा पर प्रभाव डाला है। हालांकि कुछ सेक्टरों में मजबूती भी देखी गई, लेकिन व्यापक रूप से बाजार में गिरावट का रुख बना रहा। आगामी दिनों में निवेशकों की नजर वैश्विक घटनाक्रमों और फेड की नीति पर रहेगी, जो बाजार की दिशा तय करेंगे।
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