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CRIME IN UTTARAKHAND: उत्तराखंड में बढ़ते अपराध: पैसों के लिए मर्डर से दहशत में लोग

CRIME IN UTTARAKHAND: देहरादून में ओएनजीसी के रिटायर्ड इंजीनियर अशोक कुमार की बेरहमी से हत्या और डोईवाला के प्रॉपर्टी डीलर रामशंकर की क्रूर हत्या ने प्रदेश को झकझोर दिया है।

CRIME IN UTTARAKHAND: उत्तराखंड में पैसों के लिए अपराधियों की बढ़ती क्रूरता ने प्रदेशवासियों को झकझोर कर रख दिया है। हाल के दिनों में दो हत्याओं ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि लोगों के मन में गहरी दहशत भी भर दी है। देहरादून में एक रिटायर्ड इंजीनियर और डोईवाला के एक प्रॉपर्टी डीलर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। दोनों ही मामलों में यह साफ हो गया कि अपराधी अब पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

देहरादून: ओएनजीसी के रिटायर्ड इंजीनियर का कत्ल

9 दिसंबर की रात देहरादून के पॉश इलाके बसंत विहार के अलकनंदा एन्क्लेव में ओएनजीसी के रिटायर्ड इंजीनियर अशोक कुमार की हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके शरीर पर 30 बार चाकुओं से वार किया गया और सिर को किसी भारी चीज से कुचला गया। यह निर्मम हत्या पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई।

कैसे हुई वारदात?


पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे मेरठ निवासी नवीन चौधरी और बागपत निवासी अनंत जैन का हाथ था। नवीन, जो किराए का कमरा ढूंढ रहा था, अशोक कुमार के घर गया था। अशोक कुमार ने बताया कि वह केवल परिवार वालों को ही कमरा किराए पर देते हैं। नवीन ने शाम को परिवार के साथ आने और एडवांस किराया देने की बात कही।

शाम को नवीन और अनंत दोबारा अशोक कुमार के घर पहुंचे। अशोक कुमार ने उन्हें चाय पिलाई। उसी दौरान उनकी नजर बैंक पासबुक पर पड़ी और उन्होंने पैसे लूटने की योजना बना ली। अशोक कुमार जब उन्हें कमरा दिखाने के लिए घर के पिछले हिस्से में ले गए, तो दोनों ने उन पर हमला कर दिया। अशोक कुमार के पास ज्यादा पैसे न मिलने पर उन्होंने एटीएम पिन मांगना शुरू किया। जब अशोक ने पिन देने से इनकार किया, तो आरोपियों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।

Increasing crime in Uttarakhand: People are scared of murder for money.

डोईवाला: प्रॉपर्टी डीलर की हत्या

8 दिसंबर को डोईवाला के प्रॉपर्टी डीलर रामशंकर की हत्या भी पैसों के लिए कर दी गई। रामशंकर अपने काम के सिलसिले में हरिद्वार जिले के खानपुर गए थे। शाम को जब उनका मोबाइल बंद पाया गया, तो परिवार ने उन्हें खोजने की कोशिश की। असफल रहने पर परिजनों ने खानपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

हत्या का खुलासा


पुलिस ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगाले और 6 दिन बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में रॉबिन, अक्षय और अंकित नाम के आरोपियों ने खुलासा किया कि वे रामशंकर को पैसे लूटने के इरादे से सुनसान इलाके में ले गए थे। वहां उन्होंने रामशंकर को जंजीरों से बांध दिया और उनके फोन और डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म के पासवर्ड पूछे।

जब आरोपियों को रामशंकर की जेब से केवल 400 रुपये मिले, तो उन्होंने डर के मारे रामशंकर के मुंह पर टेप चिपका दिया। दम घुटने से रामशंकर की मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने शव को खेत में दबा दिया।

लोगों में बढ़ रही असुरक्षा

इन दोनों घटनाओं ने प्रदेश के लोगों को गहरी असुरक्षा का अहसास कराया है। देहरादून जैसे हाई-सिक्योरिटी क्षेत्र में एक बुजुर्ग की उसके घर में हत्या हो जाती है। वहीं, प्रॉपर्टी डीलर को उनके काम के स्थान पर मार दिया जाता है। लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे घर और ऑफिस, दोनों जगह कहां सुरक्षित हैं।

पुलिस के सामने चुनौतियां

दोनों हत्याओं ने पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, पुलिस ने तेजी से आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले सुलझाए, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

Mansi Negi

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